पुन: उसी जमीन पर पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रशेखर प्रसाद सिंह के द्वारा आधारशिला रख भवन भी बना, लेकिन आज तक इस स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की कमी बरकरार है.
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चिकित्सक के अभाव में मरीजों को परेशानी
फुल्लीडुमर: प्रखंड क्षेत्र के खेसर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों के अभाव में ग्रामीण क्षेत्र के गरीब तबके के मरीज छोटी-छोटी बीमारियों को लेकर परेशान रहते हैं. खेसर का इलाका घनी आबादी वाला क्षेत्र है जो कि यहां का स्थानीय बाजार है. मालूम हो कि खेसर बाजार निवासी स्व देव नारायण भगत ने अपने […]
फुल्लीडुमर: प्रखंड क्षेत्र के खेसर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों के अभाव में ग्रामीण क्षेत्र के गरीब तबके के मरीज छोटी-छोटी बीमारियों को लेकर परेशान रहते हैं. खेसर का इलाका घनी आबादी वाला क्षेत्र है जो कि यहां का स्थानीय बाजार है. मालूम हो कि खेसर बाजार निवासी स्व देव नारायण भगत ने अपने तथा अपनी पत्नी के नाम से राजकली दातव्य चिकित्सालय खेसर के नाम निबंधन कर राज्यपाल के नाम से सरकार को दिया था.
इस संबंध में जब फुल्लीडुमर के चिकित्सा प्रभारी डॉ वीरेंद्र कुमार यादव से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि खेसर अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र में बेलहर के एक डॉक्टर शैलजा नंद का पदस्थापन का आदेश एक माह पहले ही हुआ है, परंतु आजतक योगदान नहीं किया गया है. इसी बात को लेकर सिविल सजर्न डॉ शैलजानंद ने चिकित्सक के वेतन पर रोक लगा दिया है. इस संबंध में जब बेलहर के चिकित्सा प्रभारी राजेश कुमार से जानकारी ली गयी तो उन्होंने बताया कि मेरे अस्पताल में खुद डॉक्टर की कमी है.
स्थानीय लोगों में राजेश भगत, सुबोध भगत, दीपक भगत, घोलटी साह ने बताया कि सरकार रोज घोषणा करती है कि हर अस्पताल में मरीजों के लिए दवाइयां उपलब्ध है लेकिन डॉक्टर ही नहीं तो दवाई कौन बांटेगा.
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