किशनगंज : फर्जी सीआइडीबीबन कर पदाधिकारियों को ठगने व ब्लैकमेल करने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है.गिरफ्तार किये गये ठगों के पास बरामद मोबाइल कैमरा सहित अन्य कई कागजातों कीपुलिस गहरायी से जांच कर रही है. कैमरा में कैद तसवीर से साफ पता चलता है कि कई नर्सिग होम, पैथोलॉजी, मेडिकल दुकान, सीडीपीओ, बीडीओ, मुखिया आदि को भी अपना शिकार बना चुका है.
इतना ही नहीं पूर्णियां कमिश्नरी में पत्रकार व ब्यूरो चीफ बहाली के नाम पर प्रत्येक अभ्यर्थी से मोटी रकम इन लोगों के द्वारा ऐंठी जाती थी. पकड़े गये फर्जी सीआइडीबी के लोगों ने कहा कि इसके अलावे सेठ व थोक किराना व्यवसायियों के गोदाम चेक करने तथा पीडीएस के दुकानों तथा गोदामों की जांच कर मोटी रकम वसूला जाता था. इनका रैकेट पूर्णियां कमिश्नरी के अररिया, किशनगंज, कटिहार व पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों के अलावे सुपौल, सहरसा, मधेपुरा तक फैला हुआ है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वयं को सीआइडीबी का चीफ ब्यूरो बताने वाले निर्मल कुमार दास, चिकित्सक, सीडीपीओ, बीडीओ को निशाना बनाते थे. निर्मल कुमार दास अपने गुर्गे रामचंद्र प्रसाद सिन्हा, उत्तम सिंह एवं भारत कुमार मंडल से मिल कर पदाधिकारियों को जाल में फंसा कर उनकी कमजोरी पकड़ लेते हैं और ब्लैक मेल करते थे.
पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी है कि अब तक कितने लोगों को ठगी का शिकार बना चुके हैं. इन लोगों के बैंक एकाउंट को पुलिस खंगाल रही है. इन लोगों ने फर्जी सीआइडीबी का बेवसाइट भी बना रखा है, जिसमें पकड़े गये चार लोगों के अलावे कई अन्य लोगों के भी तसवीर व पदनाम अंकित हैं.
पकड़े गये लोगों ने बताया कि दिल्ली में सीआइडीबी के सुप्रिमो भूपेंद्र सिंह जुनैद द्वारा बेवसाइड व आईकार्ड निर्गत किया गया गया है. आई कार्ड में दिल्ली पुलिस व अन्य कई एजेंसी के लोगों अंकित है. वहीं पुलिस हर पहलू पर बारीकी से जांच कर रही है. खासकर सीआईडीपी के बेवसाइट को खंगाला जा रहा है. निर्मल कुमार दास के द्वारा बताये गये दिल्ली प्रधान कार्यालय के निदेशक भूपेंद्र सिंह जुनेद के संबंध में भी जांच की जा रही है.