फोटो है : फोटो संख्या 30 बीएएन 63 व 64 प्रवचन करते संत व उपस्थित सत्संगप्रेमी- दुल्लीसार गांव में सत्संग समारोह का हुआ आयोजनप्रतिनिधि, कटोरिया/चांदनचौरासी लाख योनियों में भटकने के बाद बड़ी मुश्किल से यह मानव तन प्राप्त हुआ है. इस मानव जीवन को सार्थक बनाने का एक मात्र उपाय भक्ति है. भक्ति के माध्यम से ही ईश्वर की प्राप्ति संभव है. उक्त बातें महर्षि मेंही आश्रम लक्ष्मीपुर के संत स्वामी शांतानंद जी महाराज ने रविवार को दुल्लीसार गांव में आयोजित सत्संग समारोह में प्रवचन के दौरान कही. उन्होंने कहा कि सिर्फ मंदिर में घंटी बजाने या दीपक जलाने मात्र से भक्ति नहीं होती. अपने मन में श्रद्धा का दीपक जला कर सत्संग, ध्यान, भजन व भक्ति करने से ही ईश्वर की अराधना संभव है. तभी मोक्ष की प्राप्ति होगी. सत्संग करने या सुनने मात्र से आत्मा पवित्र, मन निर्मल और मस्तिष्क स्वच्छ हो जाता है. उन्होंने कहा कि धन, बल या बुद्धि का सदा सदुपयोग करना चाहिए. इसका दुरूपयोग करने से यह नष्ट हो जाता है. इस क्रम में उन्होंने कई रोचक कथा भी सुनायी. सत्संग कार्यक्रम के दौरान महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज की स्तुति, भजन, कथा, ध्यान व आरती की गयी. आयोजन को सफल बनाने में त्रिभुवन पोद्यार, बालकृष्ण वर्णवाल, जनार्दन शर्मा, कमलेश्वरी गांधी, अंजू देवी, रेखा देवी, आशा देवी, तारा देवी, किरण देवी, देवयंती देवी, गुलाबी देवी, सकल देवी, रमेश वर्णवाल, पुरुषोत्तम वर्णवाल आदि ने सराहनीय भूमिका निभायी.
भक्ति से ही सार्थक होगा जीवन : शांतानंद
फोटो है : फोटो संख्या 30 बीएएन 63 व 64 प्रवचन करते संत व उपस्थित सत्संगप्रेमी- दुल्लीसार गांव में सत्संग समारोह का हुआ आयोजनप्रतिनिधि, कटोरिया/चांदनचौरासी लाख योनियों में भटकने के बाद बड़ी मुश्किल से यह मानव तन प्राप्त हुआ है. इस मानव जीवन को सार्थक बनाने का एक मात्र उपाय भक्ति है. भक्ति के माध्यम […]
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