बांका : केंद्र व सूबे की सरकार गंदगी मुक्त शहर का नारा बुलंद कर रही है. अलबत्ता, लाखों-लाख राशि खर्च कर कूड़ा उठाने की सुविधा दे रही है. बावजूद नगर परिषद इस बिंदु पर गंभीर नहीं है. नगर परिषद की उदासीनता की गवाही खुद नगर परिषद प्रांगण में लंबे समय से रखा कूड़ा रिक्शा दे रही है. जी हां, मौजूदा समय में दो दर्जन से अधिक कूड़ा रिक्शा का धूप बरसात का थपेड़े झेल-झेल का अस्थि-पंजर सब ढील हो गया है.
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नप में जंग खा रहा कूड़ा ढोने वाला ठेला जगह-जगह गंदगी से फैल रही बदबू
बांका : केंद्र व सूबे की सरकार गंदगी मुक्त शहर का नारा बुलंद कर रही है. अलबत्ता, लाखों-लाख राशि खर्च कर कूड़ा उठाने की सुविधा दे रही है. बावजूद नगर परिषद इस बिंदु पर गंभीर नहीं है. नगर परिषद की उदासीनता की गवाही खुद नगर परिषद प्रांगण में लंबे समय से रखा कूड़ा रिक्शा दे […]
जंग की वजह से कूड़ा रिक्शा का टायर बैठ गया है. हैंडिल सख्त हो चुका है. साथ ही अन्य पार्ट-पुरजा जंग की वजह से क्षतिग्रस्त हो रहे हैं. बताया जाता है कि एक कूड़ा रिक्शा की कीमत दस से 15000 के करीब है. कई माह से लावारिस अवस्था में रखे हुए कूड़ा ढोने वाली रिक्शा को व्यवस्थित ढंग से रखने तक की व्यवस्था नहीं हो सकी है.
कई दर्जन कुर्सियां भी क्षतिग्रस्त अवस्था में है पड़ी
नगर परिषद के खाली खुले आसमान के नीचे केवल कूड़ा रिक्शा ही नहीं कई दर्जन कुर्सियां भी क्षतिग्रस्त अवस्था में रखी गयी है. एक जानकार की मानें तो ये सभी कुर्सियां सरकारी राशि से खरीदी गयी थी. परंतु सस्ती व खराब कुर्सी लेकर सिर्फ कागजी खानापूर्ति की गयी. खरीद के कुछ दिन बाद ही सभी कुर्सियां टूटने लगी. एक-एक कर खरीदी गयी अधिकांश कुर्सियां टूट गयी, उसके बाद सभी कुर्सी को बाहर ही रख दिया गया.
कूड़ा रिक्शा की मरम्मती को लेकर संबंधित एजेंसी को निर्देशित किया गया है. जल्द ही मरम्मती कर वार्ड में वितरित कर दिया जायेगा. हालांकि, उनके कार्यकाल की न तो कूड़ा रिक्शा है और न ही कुर्सियां. लिहाजा, इस संदर्भ में उन्हें अधिक जानकारी नहीं है.
अभिनव कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, बांका
वार्डों के लिए खरीदा गया था कूड़ा ढोने वाला रिक्शा
नगर परिषद में विगत वर्ष सभी 26 वार्ड के लिए कूड़ा रिक्शा की खरीद हुई थी. रिक्शा में दो खांचा बना हुआ है. ग्रीन बॉक्स में गीला कचरा व नीला बॉक्स में सूखा कचरा रखना था. परंतु आवंटित कूड़ा रिक्शा को कुछ ही वार्ड में वितरित की गयी. ज्यादातर वार्ड का कूड़ा रिक्शा नगर परिषद में ही बदहाल अवस्था में पड़ी है.
दरअसल, कूड़ा रिक्शा को लेकर सफाई कर्मी को वार्ड अंतर्गत सभी घरों में सुबह-सुबह जाना था और सीटी बजाकर घर-घर से कूड़ा इकट्ठा करना था. परंतु कूड़ा रिक्शा के नहीं पहुंचने पर विभिन्न घरों का कूड़ा यत्र-तत्र ही फेंक दिया जा रहा है. इस वजह से कई वार्ड में कूड़े का ढेर जमा हो गया है.
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