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36000 हेक्टेयर में होगी जीरो टिलेज विधि से गेहूं की खेती
बांका : कृषि विभाग खरीफ के बाद रबी फसल का अच्छादन शत प्रतिशत पूर्ण करने के लिए जुट गयी है. विभाग से जिले का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है. जीरो टिलेज विधि से कुल 36000 हेक्टेयर भूमि में गेहूं की खेती की जायेगी. जिसकी तैयारी की जा रही है. जिलास्तर पर इसके लिए खरीफ […]
बांका : कृषि विभाग खरीफ के बाद रबी फसल का अच्छादन शत प्रतिशत पूर्ण करने के लिए जुट गयी है. विभाग से जिले का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है.
जीरो टिलेज विधि से कुल 36000 हेक्टेयर भूमि में गेहूं की खेती की जायेगी. जिसकी तैयारी की जा रही है. जिलास्तर पर इसके लिए खरीफ कर्मशाला का आयोजन आगामी 12 अक्तूबर को चंद्रशेखर सिंह नगर भवन में किया जायेगा. इसके बाद सभी प्रखंड स्तर पर कर्मशाला का आयोजन होना है. कर्मशाला में रबी फसल की खेती की नयी विधि व आवश्यक जानकारी दी जायेगी. जानकारी के मुताबिक इस बार वैज्ञानिक तकनीक पर अधिक जोर दिया गया है. विभागीय अधिकारी की मानें तो कम लागत व समय खर्च कर कैसे अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है, इस पर सरकार बल दे रही है.
गेहूं के अलावा अन्य फसल का भी लक्ष्य तय कर दिया गया है. पूर्व वर्ष की तरह ही कमोबेश वर्ष 2017-18 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. लेकिन इसबार जीरो टिलेज का विस्तार ज्यादा किया जायेगा. ज्ञात हो कि 15 अक्तूबर से खरीफ की खेती शुरू हो जाती है. जबकि विशेष रूप से गेहूं की फसल नवंबर माह में लगायी जाती है.
किसानों को अनुदानित दर पर उपलब्ध कराया जायेगा बीज: गेहूं की खेती के लिए चिह्नित किसान को अनुदानित दर पर बीज की व्यवस्था की जायेगी. साथ ही फसल में लगने वाले बीमारी व कीटाणु को समाप्त करने के लिए एक कीट भी दिया जायेगा. जिसमें आवश्यक दवा उपलब्ध रहेगी.
इसके अलावा विभाग किसानों को जीरो टिलेज यंत्र का किराया भी मुहैया करायेगी. ताकि किसानों को आर्थिक कमी महसूस न हो सके. विशेषज्ञ की मानें तो जीरो टिलेज पद्धति प्रमाणिक व खास है. इसमें श्रम व समय दोनों का बचत है. किसान कम लागत में अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.
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