बांका : जिले में डेंगू का मरीज मिलने से सनसनी फैल गयी. मरीज स्थानीय एक प्राइवेट क्लिनिक पर अपना इलाज करा रहा है. इस आशय की जानकारी देते हुए इलाज कर रहे सदर अस्पताल के चिकित्सक अशोक कुमार सिंह ने बताया कि सदर थाना क्षेत्र के ककवारा गांव निवासी छतीश कुमार है. जो दिल्ली के नोएडा में रहकर नौकरी करता था. वहां पर वह पिछले कई दिनों से बीमार था. ज्यादा तबीयत बिगड़ने के बाद उनके परिजनों को जब इस बात की जानकारी मिली तो परिजनों ने उन्हें दिल्ली से घर आने की बात कही.
इसके बाद वो विगत 27 सितंबर को बांका पहुंच कर एक चिकित्सक से जांच कराया. रिपोर्ट में उक्त युवक में डेंगू का लक्षण पाया गया. इसके बाद उक्त युवक का प्लेटलेट्स काउंट जांच कराया गया तो प्लेटलेटस काउंट मात्रा 84 हजार पाया गया. इसके बाद चिकित्सक की देख रेख में अब भी उक्त युवक का उपचार किया जा रहा है. अब वो खतरे से बाहर है और प्लेटलेटस काउंट करीब 1 लाख से अधिक हो गया है. परिजनों ने बताया कि उक्त युवक विगत कई माह से दिल्ली गया हुआ था. वहां से बीमार होने के बाद उसे घर वापस बुलाया गया है. जबकि पिछले साल भी बांका में दर्जनों डेंगू के मरीज मिले थे. इसमें अधिकांश मरीज अन्य राज्यों में नौकरी करने वाले में से थे.
डेंगू के लक्षण : बहुत तेज आता है बुखार, कमजोरी भी
डेंगू से बचाव
गरमी के बाद बदलता मौसम, बारिश की बूंदों की आहट के साथ डेंगू आता है. मानसून के बाद जब मौसम दुबारा करबटे लेता है तो ठंडी हवाएं मिठा चुभन लेकर आती है. बदलते मौसम की इन खुशनुमा घंड़ियों में ही छिपी है कई बीमारीयां. बदलते मौसम में पनपता है एडीज मच्छर जो अपने साथ फैलाता है डेंगू बुखार. यह बुखार इतना खतरनाक होता है कि मरीजों की जान ले लें.
गौरतलब है कि यह बुखार बारिश के मौसम में और बदलते मौसम में फैलता है. इस बीमारी के जड़ है एडीज मच्छर. इसी मच्छर के काटने से डेंगू बुखार होता है. एडीज मच्छर जमे हुए पानी जैसे कुलर में जमा पानी, नालों में सड़ा पानी, सड़क पर जमा पानी आदि में पैदा होता है और बढ़ता है. इस लिए कुलर सहित अन्य स्थानों पर पानी नहीं जमने दें.
डेंगू के लक्षण
डेंगू बुखार के लक्षण आम बुखार से थोड़ी अलग होती है. बुखार बहुत तेज होता है. साथ में कमजोरी हो जाता है. चक्कर आता है, चक्कर आने से लोग बेहोश हो जाते हैं. ऐसे में मुंह का स्वाद बदलता जाता है और उल्टी भी आती है. सर दर्द, पीठ में दर्द, बदन दर्द भी होता है. कई लोग को त्वचा पर रेसेज भी हो जाता है.
अक्सर बुखार होने पर घर पर क्रोसिन जैसी बीमारी से खुद ही अपना इलाज करते हैं. लेकिन डेंगू बुखार के लक्षण देखने पर थोड़ी देर भी भारी पड़ सकता है. लक्षण दिखने पर तुरंत ही चिकित्सक से सलाह लें और प्लेटलेट काउंट जांच करायें. डेंगू बुखार पाये जाने के बाद भी कई लोग घर में रहकर अपनी प्लेटलेट काउंट, ब्लड प्रेशर का इलाज कराना पसंद करते हैं. चिकित्सक के अनुसार घर में इलाज करते हुए कुछ खास चीजों का ध्यान रखना चाहिए.
अगर पानी पीने या कुछ खाने में दिक्कत हो, उल्टी आये तो डीहाइडेशन का खतरा हो जाता है. ये लिवर एन्जइम्स गड़बड़ का सूचक होता है. प्लेटलेट कम होने पर ब्लडप्रेशर का कम होना या हीमाटाइट यानी खुन का धनापन बढ़ने को भी खतरे की घंटी मानना चाहिए. साथ ही अगर खुन आना आरंभ हो जाय तो अस्पताल ले जाना अनिवार्य हो जाता है.
बीमारी से बचने के उपाय
मसहरी लगाकर सोना
घर के आस पास सफाई रखना
आस पास के सभी गड्ढे को बंद रखना
घर के बर्तन को उल्टा करके रखना
घर के आस पास पानी नहीं जमने देना
घर की खिड़की में जाली लगवायें
डेंगू मरीजों के लिए अस्पताल में बनाया गया है अलग वार्ड
डेंगू मरीज के लिए बांका सदर अस्पताल में अलग वार्ड बनाया गया है. जहां पर मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था है. विशेष प्रकार की मच्छरदानी की व्यवस्था है. इसके अलावे प्राथमिक उपचार के लिए कीट भी उपलब्ध है.
अमरेश कुमार, प्रबंधक, सदर अस्पताल