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पांच सौ लाभुकों को है रुपये का इंतजार

दाउदनगर : बीपीएल परिवार में किसी व्यक्ति के निधन हो जाने पर कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत दाह संस्कार के लिए तीन हजार रुपये दिये जाने का प्रावधान है. ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य व विशेष घटक के लिए मुखिया व पंचायत सचिव के संयुक्त नाम से बैंक में अलग-अलग खाता खुला रहता है. इस खाते […]

दाउदनगर : बीपीएल परिवार में किसी व्यक्ति के निधन हो जाने पर कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत दाह संस्कार के लिए तीन हजार रुपये दिये जाने का प्रावधान है. ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य व विशेष घटक के लिए मुखिया व पंचायत सचिव के संयुक्त नाम से बैंक में अलग-अलग खाता खुला रहता है. इस खाते में प्रखंड कार्यालय द्वारा आवंटन के हिसाब से राशि भेजी जाती है. इधर स्थिति यह है कि करीब छह महीने से खाते में राशि भी नहीं है. नये मुखिया के निर्वाचन हुये करीब दो माह बीत गये. इस दौरान उनके द्वारा यदि इस योजना की राशि बांटी भी गई है तो पॉकेट से ही.
फरवरी में हुआ था आवंटन : प्रखंड कार्यालय में प्रभारी प्रधान सहायक नूरजमां खान के अनुसार वितिय वर्ष 2015-16 में फरवरी महीने में दाउदनगर प्रखंड को सामान्य घटक के लिए 2 लाख 46 हजार और विशेष घटक के लिए 72 हजार रूपये की राशि इस मद में आवंटित हुई थी.
प्रखंड में 15 पंचायत और एक नगर पंचायत है. नगर पंचायत में चार वार्ड को मिलाकर एक पंचायत के अनुरूप मापदंड बनाया गया है. उस समय सामान्य घटक में 13 पंचायतों को 12 हजार रूपये की दर से तथा विस्तृत क्षेत्रफल वाले दो पंचायतों को 15 हजार की दर से व नगर पंचायत को 12 हजार की दर से 48 हजार रूपया तथा विशेष घटक में 12 पंचायतों को तीन-तीन हजार, तीन पंचायतों को 6-6 हजार की दर से तथा नगर पंचायत को 15 हजार रूपया का आवंटन किया गया था. सारी राशि खत्म हो चुकी है.
ग्रामीण क्षेत्र में 500 आवेदन लंबित : सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 300 व शहरी क्षेत्र में करीब 200 आवेदन अभी भी लंबित पड़े हुये हैं.
ऐसा भी संभव है कि तत्कालीन मुखिया द्वारा लाभुक को राशि भी दे दी गई हो और खाते में राशि ही नहीं रही हो. पंचायत चुनाव के बाद निर्वाचित मुखिया और संबंधित पंचायत सचिव के नाम पर संयुक्त खाता खुल चुका है. कई मुखिया द्वारा अब तक कई आवेदकों को अपने पॉकेट से ही इस योजना की राशि प्रदान की जा चुकी है. करमा पंचायत के मुखिया संजू कुमारी के प्रतिनिधि धर्मेन्द्र कुमार सिंह के अनुसार उनके पंचायत में करीब छह, कनाप पंचायत के मुखिया विजय कुमार के अनुसार छह शमशेरनगर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि राजू कुमार के अनुसार भी करीब छह लोगों को अब तक इस योजना का लाभ पॉकेट से ही दे दिया गया है.
किया जाता है एडजस्ट : बीडीओ अशोक प्रसाद ने स्वीकार किया कि प्रति पंचायत करीब 15 से 20 आवेदन लंबित होंगे. होता यह है कि राशि नहीं रहने पर भी मुखिया द्वारा बीपीएल परिवार को अपने पास से राशि दे दी जाती है, फिर जब राशि आती है तो उस राशि को एडजस्ट कर दिया जाता है. फिलहाल जब राशि का अभाव है तो समस्या उत्पन्न हो रही है. बीडीओ ने यह भी बताया कि जिला से जब आवंटन आता है, तो संबंधित पंचायतों के इस योजना से संबंधित खाते में डाल दिया जाता है.

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