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श्रीसीमेंट फैक्टरी के मजदूरों के आंदोलन पर प्रशासन सख्त, नियमों के दायरे में ही होगी बात

प्रभात खबर में छपी खबर पर संज्ञान लेकर डीएम ने बुलायी बैठक फैक्टरी प्रबंधन के लोगों की सुनी बात कहा- यूनियन ही नहीं, तो किससे होगी बात औरंगाबाद कार्यालय : औरंगाबाद शहर के बियाडा में चल रहे श्री सीमेंट प्लांट के मजदूरों द्वारा किये जा रहे आंदोलन को प्रशासन ने जोरदार झटका दिया है. प्रशासन […]

प्रभात खबर में छपी खबर पर संज्ञान लेकर डीएम ने बुलायी बैठक
फैक्टरी प्रबंधन के लोगों की सुनी बात
कहा- यूनियन ही नहीं, तो किससे होगी बात
औरंगाबाद कार्यालय : औरंगाबाद शहर के बियाडा में चल रहे श्री सीमेंट प्लांट के मजदूरों द्वारा किये जा रहे आंदोलन को प्रशासन ने जोरदार झटका दिया है. प्रशासन का कहना है कि जब आंदोलन कर रहे मजदूरों का यूनियन ही नहीं, तो बात कौन करेगा. प्रभात खबर में मजदूरों की हड़ताल से संबंधित छपी खबर का संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन द्वारा एक बैठक बुलायी गयी. इसमें श्री सीमेंट के जीएम ज्ञानेन्द्र मोहन खरे, एजीएम संजीत शर्मा उपस्थित थे.
जिलाधिकारी ने प्रबंधन की बातों को गंभीरता से सुनने के उपरांत स्पष्ट शब्दों में कहा कि किसी भी संस्थान में काम करने वाले मजदूरों का अगर संगठन होता, तो उस बैनर तले आंदोलन करने का अधिकार है. वह भी नियम के अनुसार और प्रशासन भी उस पर अमल तभी कर सकता है, जब यूनियन हो. लेकिन, यहां तो यूनियन भी नहीं है, तो वार्ता किससे की जा सकती है. वैसे वार्ता के लिये प्रशासन का दरवाजा हमेशा खुला है. डीएम ने आगे कहा कि मजदूर प्रशासन व प्रबंधन की बातों से संतुष्ट नहीं हैं, तो लेबर कोर्ट में जा सकते हैं.
जो भी निर्णय होगा उस पर अमल किया जायेगा, कुछ पहल होगी तभी प्रशासन कार्रवाई करेगा. वैसे आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अजय सिंह पहले भी कंपनी को काफी नुकसान पहुंचा चुके हैं. तोड़फोड़ की घटना में श्री सीमेंट को करोड़ों की क्षति हुई है.
जिलाधिकारी ने श्रम अधीक्षक को फटकार लगाते हुए कहा कि वे कानून की पूरी जानकारी रखें. ताकि, इस तरह के मामले में उनकी भी भूमिका हो. बैठक में उपस्थित संस्थान के पदाधिकारियों ने कहा कि कुछ मजदूरों द्वारा जो आंदोलन चलाया जा रहा है व यूनियन के तहत नहीं है. यूनियन बनाने में ट्रेड का दो-तिहाई समर्थन होना चाहिए, जो इनके पास नहीं है.
दूसरा यह कि दो बार अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा वार्ता के लिये बुलाया गया, लेकिन वे वार्ता में शामिल नहीं हुए. अनशन पर बैठे 30 लोग वैसे लोग हैं, जो कभी श्री सीमेंट में काम नहीं किये हैं. जो छह मजदूर हैं, इन्हें हटाया जा चुका हैं. इसमें अजय सिंह भी शामिल हैं और इन पर मुफस्सिल थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. ऐसे लोगों को दोबारा संस्थान में रखने का कोई औचित्य ही नहीं है. क्योंकि, कंपनी इन लोगों के कारण पहले भी क्षति उठा चुकी हैअब और क्षति उठाने की स्थिति में नहीं है. बैठक में एसडीओ सुरेन्द्र प्रसाद, श्रम अधीक्षक अमरेन्द्र नारायण भी उपस्थित थे.
मजदूरों से आज 10 बजे बात करेंगे डीएम
जिला पदाधिकारी कंवल तनुज ने आंदोलन कर रहे मजदूरों से वार्ता करने के लिये बुधवार को बुलाया है. इससे संबंधित जानकारी सदर अनुमंडल पदाधिकारी सुरेन्द्र प्रसाद ने देते हुये बताया कि इस बैठक में श्रीसीमेंट प्रबंधन भी उपस्थित रहेगा. यह अंतिम और निर्णायक बैठक होगी.
एक हफ्ते से आंदोलन कर रहे मजदूर
श्री सीमेंट फैक्टरी के मजदूर लगभग एक सप्ताह से आंदोलन कर रहे हैं़ पिछले कुछ िदनों से मजदूरों ने अनशन पर भी शुरू कर दिया है़ मजदूरों का कहना है कि फैक्टरी प्रबंधन श्रम कानूनों का उल्लंघन व उनके साथ ज्यादती कर रहा है़

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