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अस्पतालों में एक सप्ताह के अंदर शुरू करायें अल्ट्रासाउंड

केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने शनिवार को समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर की बैठक की. इस दौरान सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में चलायी जा रही योजनाओं की समीक्षा की. बैठक के दौरान काफी खामियां पायीं, जिसे अविलंब सुधार करने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया. […]

केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने शनिवार को समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर की बैठक की. इस दौरान सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में चलायी जा रही योजनाओं की समीक्षा की. बैठक के दौरान काफी खामियां पायीं, जिसे अविलंब सुधार करने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया.
औरंगाबाद (नगर) : समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने शनिवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा की. मंत्री ने कहा कि शिशु मृत्यु दर घटाने व लिंग अनुपात सामान्य करने पर सरकार की विशेष नजर है. इस पर सभी को कार्य करना होगा तभी संभव हो सकेगा. इसके अलावा मरीजों को सही तरह से उपचार सरकारी चिकित्सालयों में हो यह आप सभी पदाधिकारियों की जिम्मेवारी बनती है.
सदर अस्पताल में सिजेरियन न के बराबर हो रहा है और यह कहते हुए चिकित्सकों द्वारा रेफर कर दिया जाता है कि खून की कमी है. इसकी जांच सुनिश्चित करायें कि उस मरीज का सिजेरियन कहां हुआ और कौन चिकित्सक ने किया. जांच के दौरान दोषी पाये जाने पर उन चिकित्सकों के विरुद्ध कार्रवाई करे. एनआरएचएम के तहत जिले में 38 करोड़ 47 लाख 85 हजार 658 रुपये बजट के रूप में प्राप्त हुआ था. लेकिन, इसके एवज में 18 करोड़ 32 लाख 42 हजार 148 रुपया खर्च हुए. इस पर मंत्री ने काफी नाराजगी व्यक्त की और अविलंब राशि को खर्च करने का निर्देश दिया. बैठक के दौरान गोह विधायक मनोज शर्मा ने आवाज उठायी कि जिले के सरकारी चिकित्सालयों में अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहा है, जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
इस पर मंत्री ने सिविल सर्जन से कारण पूछा तो बताया कि चिकित्सक नहीं है, जिसके कारण बंद है. इस पर मंत्री ने नाराजगी जाहिर की. साथ ही सिविल सर्जन को निर्देश देते हुए कहा कि जिले के सरकारी अस्पतालों में जितने भी अल्ट्रासाउंड मशीन लगी हैं उसे एक सप्ताह के अंदर चालू करायें अन्यथा जो संचालक है उन्हें ब्लैक लिस्टेड करते हुए उनका रजिस्ट्रेशन रद करें. जरूरत अनुसार एफआइआर भी दर्ज करायें. इस दौरान जिलाधिकारी ने मंत्री को स्पष्ट कराया कि पूर्व में मेरे द्वारा सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया था. जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि जिले में प्राइवेट रूप से चल रहे अल्ट्रासाउंड की जांच करायी थी, उसमें काफी गड़बड़ी पायी गयी थी. उस समय से कई अल्ट्रासाउंड बंद है.
इस पर मंत्री ने सिविल सर्जन से पूछा कि कौन सी कार्रवाई हुई तो सीएस ने बताया कि सर्टिफिकेट की जांच करने के लिये भेजा गया था. कई लोगों का गलत पाया गया है. इस पर डीएम ने कहा कि जो सही है उनसे शुरू करवाये और जो लोगों का गलत है उन पर कार्रवाई करें. समीक्षा के क्रम में दवा की कमी का भी मामला उठा. इस पर सीएस ने कहा कि टेंडर निकाला गया है. 10 से 15 दिनों में दवा की खरीदारी हो जायेगी.
इस पर मंत्री ने पूछा कि कारण क्या
है तो डीएम ने कहा कि आपसी विवाद के कारण दवा की खरीदारी नहीं हो सकी थी. लेकिन, अब खरीदारी होगी. इसमें जो लोग भी दोषी है उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. बैठक में गोह विधायक मनोज कुमार शर्मा, डीएम कंवल तनुज, जिप अध्यक्ष रंजू देवी, डीडीसी संजीव
कुमार सिंह, सिविल सर्जन डाॅ आरपी सिंह, डीपीओ राजेश कुमार, डीपीआरओ जनार्दन प्रसाद अग्रवाल, देव प्रमुख ममता देवी, औरंगाबाद प्रमुख ज्ञांती देवी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.

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