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दबंगई का किया विरोध तो पुलिस ने बरसाये डंडे

सरस्वती पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन में बाधा के बाद गरमाया मामला औरंगाबाद (ग्रामीण) : मूर्ति विसर्जन में व्यवधान के विरोध में गुरुवार को रमेश चौक पर प्रदर्शन कर रहे बैरवा लोकनाथ गांव के लोगों पर पुलिस ने लाठियां चटकायीं. पुलिस के इस कार्रवाई से आधा दर्जन लोग घायल हो गये. जानकारी के अनुसार, नवीनगर […]

सरस्वती पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन में बाधा के बाद गरमाया मामला
औरंगाबाद (ग्रामीण) : मूर्ति विसर्जन में व्यवधान के विरोध में गुरुवार को रमेश चौक पर प्रदर्शन कर रहे बैरवा लोकनाथ गांव के लोगों पर पुलिस ने लाठियां चटकायीं. पुलिस के इस कार्रवाई से आधा दर्जन लोग घायल हो गये. जानकारी के अनुसार, नवीनगर प्रखंड के माली थाना क्षेत्र के बैरवा लोकनाथ गांव के दलितों द्वारा बुधवार की शाम मां सरस्वती की प्रतिमा विसर्जन के लिए बैरिया पुनपुन नदी ले जायी जा रही थी.
गांव के ही गली से गुजरने के दौरान कुछ दबंगों ने बीच में ही प्रतिमा को रोक दिया और दलितों के साथ अभद्र व्यवहार करने लगा. सूचना दिये जाने के बाद भी माली थाने की पुलिस ने कोई संज्ञान नहीं लिया. इसके विरोध में गांव के दर्जनों महिला-पुरुष मां सरस्वती की प्रतिमा के साथ गुरुवार को औरंगाबाद पहुंच गये. सबसे पहले समाहरणालय के समक्ष सड़क को जाम किया और प्रशासन व सरकार के विरुद्ध आक्रोशित नारे लगाये. कुछ ही देर में सभी आक्रोशित रमेश चौक पहुंचे और चारों तरफ से जाम कर माली थाना प्रभारी व दबंगों के विरुद्ध नारेबाजी शुरू कर दी.
लगभग दो घंटे तक सड़क जाम रहा. नगर थाना पुलिस द्वारा काफी समझाया गया. लेकिन, लोग एसपी को बुलाने की मांग पर अड़े थे. कुछ ही देर में सदर एसडीओ सुरेंद्र प्रसाद और एसडीपीओ पीएन साहू दल-बल के साथ पहुंच और एक बार फिर जाम किये आक्रोशितों को समझाने का प्रयास किया. इसी बीच बात बिगड़ गयी. पुलिस के जवानों ने प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज कर दिया. खदेड़ -खदेड़ कर लोगों की पिटाई की गयी.
छह लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया और बाकी अन्य पुलिसिया कार्रवाई से डर कर भाग खड़े हुए . लाठी चार्ज के संबंध में पूछे जाने पर एसडीओ सुरेंद्र प्रसाद ने कहा कि लाठी चार्ज नहीं की गयी है, बल्कि आक्रोशितों को सड़क से हटाने के लिए पुलिस ने कार्रवाई की है.
शिकायत करने का तरीका होना चाहिए. आक्रोश होकर सड़क जाम करने से समस्या का समाधान नहीं निकलेगा. पुलिस स्वयं कार्रवाई करती. कानून को हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं है. इधर, रमेश चौक पर पहुंचे नवीनगर के पूर्व विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डब्ल्यू सिंह ने पुलिसिया कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि प्रशासन ने गरीबों की बात नहीं सुनी. दबंगों ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया. लेकिन, पुलिस के अधिकारियों ने दलितों का साथ नहीं दिया. बल्कि उन पर कार्रवाई की.
अश्लील गाना बजाना बना विवाद का कारण
बैरवा लोकनाथ गांव के ग्रामीण प्रतिमा विसर्जन में हुए व्यवधान की शिकायत लेकर औरंगाबाद पहुंचे थे. पुलिस अधीक्षक के नाम एक शिकायत पत्र लिखा था. लेकिन, पुलिसिया कार्रवाई के बाद शिकायत पत्र ग्रामीणों के हाथ में ही रह गया. ग्रामीण रंजन कुमार, शैलेंद्र पासवान, शांति देवी, मानमती देवी, राजमानो देवी, रामपति देवी व अरविंद पांडेय ने कहा कि
गांव से प्रतिमा निकालने के दौरान गांव के ही पप्पू पांडेय, मुन्ना पांडेय व वैंकटेश पांडेय ने रोड पर जेसीबी लगा कर हथियार के बल पर प्रतिमा को विसर्जन होने से रोक दिया. पूर्व में भी हमलोगों के साथ अभद्र व्यवहार किया. शोषण भी किया. जब थाने में शिकायत लेकर जाते है तो थानेदार केस लेने व न लेने के बारे में उन लोगों से पूछते है. मनमानी से हमलोग परेशान हो गये है.
विधानसभा चुनाव के दौरान भी हमलोगों के साथ दबंगई हुई. पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच कर डीजे को जब्त कर लिया और कार्रवाई की धमकी दी.
वहां न्याय नहीं मिलने के बाद हमलोग औरंगाबाद पहुंचे. इधर, पप्पू पांडेय व अन्य विपक्षी लोगों का कहना है कि प्रतिमा विसर्जन के लिये रोक नहीं लगायी गयी. बल्कि प्रतिमा विसर्जन के लिए ले जाने के दौरान अश्लील गाने डीजे पर लोग बजा रहे थे. अश्लील गाने को बंद करने की बात कही गयी. लेकिन, विसर्जन में रहे लोग तैस में आ गये. इधर, सदर एसडीओ का भी मानना है कि विसर्जन के दौरान डीजे पर अश्लील गाना बजाने को लेकर ही विवाद पैदा हुआ.

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