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वार्ड 23 में वार्ड पार्षद की ही नहीं सुनते सफाईकर्मी

वार्ड 23 में वार्ड पार्षद की ही नहीं सुनते सफाईकर्मीपानी के लिए सालों भर तरसते हैं लोग लगभग 10 वर्षों से खराब है जलापूर्ति पंप पीएचइडी के अधिकारी व नगर पर्षद के प्रतिनिधि नहीं ले रहे सुध (फोटो नंबर-26,27)कैप्शन- बंद पड़ा सरकारी पंप का दरवाजा, वार्ड 22 की ओवरफ्लो नाली औरंगाबाद (सदर) सोमवार को जब […]

वार्ड 23 में वार्ड पार्षद की ही नहीं सुनते सफाईकर्मीपानी के लिए सालों भर तरसते हैं लोग लगभग 10 वर्षों से खराब है जलापूर्ति पंप पीएचइडी के अधिकारी व नगर पर्षद के प्रतिनिधि नहीं ले रहे सुध (फोटो नंबर-26,27)कैप्शन- बंद पड़ा सरकारी पंप का दरवाजा, वार्ड 22 की ओवरफ्लो नाली औरंगाबाद (सदर) सोमवार को जब नगर पर्षद के वार्ड संख्या 23 का जायजा लिया गया, तो वहां की स्थिति अच्छी नहीं दिखी. यहां पहले से ही लोग अपनी समस्या को बताने के लिए एक जगह जमा थे. उनके बीच जैसे ही वार्ड की समस्या पर चर्चा शुरू की गयी. एक साथ कई लोगों के स्वर वार्ड की समस्या पर उठने लगी. वार्ड 23 के लोगों का कहना था कि यहां किसी भी समस्या का समाधान नहीं है, बल्कि समाधान पर ही समस्या उत्पन्न हो जाती है. हर तरह से नगर पर्षद लोगों को पेयजल संकट से मुक्त कराने को लेकर सक्षम हैं, पर इस दिशा में अब तक कोई प्रयास नहीं दिख रहा. वार्ड में शुद्ध पेयजल के लिए लोग सालों भर तरसते रहते हैं. धरनीधर रोड स्थित पीएचइडी द्वारा पूर्व में एक सरकारी पंप की व्यवस्था की गयी थी. पंप की सुरक्षा के लिए भवन भी बनाया गया था. साथ ही वार्ड में जलापूर्ति के लिए पाइप लाइन भी बिछाये गये थे, लेकिन लगभग 10 वर्षों से खराब है. इसकी सुध लेने न तो आज तक पीएचइडी के अधिकारी पहुंचे और न ही नगर पर्षद के कोई प्रतिनिधि. नतीजा यह है कि शुद्ध पेयजल से आज भी लोग परेशान हैं. वार्ड में पार्षद द्वारा एक व विधायक द्वारा भी एक चापाकल लगाये गये थे, लेकिन वार्ड पार्षद द्वारा लगाया गया चापाकल एक वर्ष में ही खराब हो गया. वार्ड की सफाई पर भी लोग भड़के हुए थे. उनका कहना था कि न तो नाली की सफाई होती है और न ही कचरे का उठाव होता है. वार्ड पार्षद से शिकायत करने पर वे कहते हैं कि सफाईकर्मी नहीं सुनता. सफाई को लेकर वार्ड की स्थिति काफी बदतर दिखती है. हाल के तीन वर्षों में वार्ड की कुछ नालियां, सड़कें बनी, फिर भी बुनियादी चीजों के लिए वार्ड तरस रहा है. ——————-मुख्य सड़क को छोड़ दिया उपेक्षित वार्ड पार्षद ने अपने आसपास के इलाके को ठीक-ठाक किया, चापाकल भी लगाये, पर मुख्य सड़क को उपेक्षित छोड़ दिया है. ललिता बाबू रोड आज भी नरक बना हुआ है. पवन कुमार, डाॅ ललिता बाबू रोड वार्ड की स्थिति अच्छी नहीं है, लोगों को न सिर्फ नाली व सड़क का ही अभाव दिखता है बल्कि पेयजल के लिए त्राहिमाम मचा रहता है. वार्ड के लोगों पर पार्षद का कोई ध्यान ही नहीं है. मुकेश कुमार, बिराटपुरवार्ड पार्षद ने मुहल्ले में चापाकल की व्यवस्था की. गलियों की सड़कें बनायी. न्यू काजी मुहल्ले में जलजमाव की समस्या उत्पन्न रहती है. उस पर ध्यान देने की जरूरत है. मोहम्मद इरफान, न्यू काजी मुहल्लावार्ड में कचरा समय पर उठता नहीं. नाली की सफाई भी समय पर नहीं होती. पेयजल के सुविधा के लिए जो चापाकल लगे थे, वो खराब हैं. नगर पर्षद पहल करे तो वार्ड की स्थिति सुधर सकती है. मुन्ना खान, न्यू काजी मुहल्ला——————-नगर पर्षद का सहयोगी आवश्यकवार्ड नंबर 23 के वार्ड पार्षद सायरा बनो हैं. इनके प्रतिनिधि मोहम्मद शेराज ने बताया कि वार्ड में अपने स्तर से मजबूत प्रयास के बाद लगभग 15 लाख रुपये से सड़क व नाली का निर्माण कराया गया. वार्ड में 15 लाइट लगाये गये. वार्ड के अधूरे कामों को लेकर इनका कहना है कि नगर पर्षद से जितनी सहयोग की अपेक्षा की जाती है, उतनी नहीं हो पाती. इस कारण वार्ड 23 विकास से अछूता है. यहां तक कि आउट सोर्सिंग से सफाईकर्मी की व्यवस्था जो की गयी है, वो भी सफाई के लिए निर्देश दिये जाने पर साफ मुकर जाते हैं, नतीजा यह होता है कि निजी सफाईकर्मियों से वार्ड में सफाई करायी जाती है, जो हर बार संभव नहीं हो पाता. वार्ड के विकास के लिए मुख्य पार्षद व नगर पर्षद का सहयोगी होना बेहद आवश्यक है.

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