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पहले तेज, फिर धीमा हुआ मतदान
औरंगाबाद : विधानसभा क्षेत्र में इस बार जागरूक मतदाता मतदान करने के लिए सुबह ही घर से निकल पड़े. सुबह सात बजे से ही मतदान केंद्रों पर लंबी-लंबी कतारें लग गयीं. मतदान करने वाले धूप की परवाह किये बिना लाइन में लगे रहे. मतदान शुरू होते ही मतदाता बूथों पर पहुंचते गये और देश व […]
औरंगाबाद : विधानसभा क्षेत्र में इस बार जागरूक मतदाता मतदान करने के लिए सुबह ही घर से निकल पड़े. सुबह सात बजे से ही मतदान केंद्रों पर लंबी-लंबी कतारें लग गयीं. मतदान करने वाले धूप की परवाह किये बिना लाइन में लगे रहे. मतदान शुरू होते ही मतदाता बूथों पर पहुंचते गये और देश व गांव-गांव के विकास के लिए अपने बेहतर प्रतिनिधि की खातिर बटन दबाया.
इस बीच कई जगहों पर इवीएम खराबी के कारण मतदान कुछ विलंब से शुरू हुई, तो कहीं वोट बहिष्कार भी हुआ. युवाओं में खासा उत्साह दिखा, युवतियों ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग बढ़-चढ़ कर किया. महिलाएं भी पुरुष मतदाताओं से कम नहीं दिखीं. इस दौरान कई महिलाओं ने कहा कि पहले मतदान, फिर अपना काम.
औरंगाबाद (नगर) : औरंगाबाद जिले के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में शुक्रवार को हुए चुनाव में मतदाताओं ने बड़े ही उत्साह के साथ अपना मत का प्रयोग किया. सुबह सात बजे से शुरू होने वाले मतदान की प्रक्रिया कहीं-कहीं देर से भी शुरू हुई. इस कारण प्रारंभ में मतदान की गति काफी धीमी रही.
सुबह होते ही मतदाता अपने घरों से मत का प्रयोग करने के लिए मतदान केंद्रों पर पहुंचे और कतार में खड़ा होकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया. धीरे-धीरे मतदाता उमंग के साथ बूथों पर पहुंचते रहे और मतदान की प्रतिशतता भी बढ़ती रही. दोपहर के लगभग 1 बजे तक 35 प्रतिशत जिले में मतदान हुए और लगभग चार बजे तक मतदान की प्रतिशतता बढ़ते हुए 45 फीसदी हो गया. सभी बूथों पर युवा, महिलाओं व वृद्ध मतदाता काफी संख्या में पहुंचे.
बूथों पर थे सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
मतदान के दौरान कोई गड़बड़ी न हो और बूथों पर अशांति न फैले इसके लिए सभी बूथों पर पर्याप्त मात्रा में पुलिस बलों की तैनाती की गयी थी. पेट्रोलिंग मजिस्ट्रेट, सेक्टर मजिस्ट्रेट, जोनल मजिस्ट्रेट पूरे दिन विभिन्न बूथों का जायजा लेते रहे. यही कारण रहा कि जिले में कहीं भी कोई अप्रिय घटना किसी भी इलाके व मतदान केंद्रों पर नहीं घटी. शहर के अधिकांश बूथों पर बीएमपी, सीआपीएफ बिहार पुलिस के जवान लगाये गये थे, जबकि नक्सल प्रभावित इलाकों के मतदान केंद्रों पर भारी मात्रा में अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती की गयी थी. यही नहीं बाइक पर सवार होकर पारा मिलिटरी के जवान भी सड़कों पर पेट्रोलिंग कर रहे थे. इसके अलावे शहर व पहाड़ी इलाकों में घोड़े पर सवार होकर भी पुलिस के जवान गश्ती कर रहे थे.
बंद रही दुकानें, सड़कों पर पसरा सन्नाटा
चुनाव को लेकर शहर की अधिकांश दुकानें बंद रही. व्यवसायी अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद घर में दुबक गये. वहीं वाहनों का परिचालन नहीं होने के कारण पूरे दिन सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा. सिर्फ प्रशासन की गाड़ियां ही इधर से उधर दौड़ती नजर आयी. शहर के मुख्य मार्ग पर भी सन्नाटा रहा. 24 घंटे गुलजार रहने वाला सब्जी मंडी व महावीर मंदिर का इलाके में भी सन्नाटा पसरा रहा.
सबसे ज्यादा यदि कोई मतदाता मताधिकार के प्रयोग को लेकर उत्साहित दिखे तो वे हैं अल्पसंख्यक मतदाता. अधिकतर बूथों पर नौ से 10 मतदाताओं की कतार लगी थी तो शहर के पठानटोली, टिकरी मुहल्ला, कुरैशी मुहल्ला, इस्लाम टोली, नावाडीह मुहल्लों के मतदान केंद्रों पर दोपहर दो बजे तक अल्पसंख्यक मतदाता काफी लंबी कतार में खड़े होकर मतदान किये. क्या महिला व क्या पुरुष, सभी ने बढ़-चढ़ कर लोकतंत्र निर्माण में भागीदारी निभायी.
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