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पैकेज नहीं, चाहिए विशेष राज्य का दर्जा : सीएम

औरंगाबाद (नगर) : बिजली कनेक्शन के लिए लोगों को पैसे देने पड़ते हैं, लेकिन अगली बार अगर हम सत्ता में आये, तो नि:शुल्क बिजली कनेक्शन देंगे. इस पर बिहार सरकार को दो लाख 70 हजार करोड़ खर्च करने पड़ेंगे. इसे लेकर प्रधानमंत्री चिंता में हैं, लेकिन हम उनसे एक पैसा नहीं मांगेंगे और न ही […]

औरंगाबाद (नगर) : बिजली कनेक्शन के लिए लोगों को पैसे देने पड़ते हैं, लेकिन अगली बार अगर हम सत्ता में आये, तो नि:शुल्क बिजली कनेक्शन देंगे. इस पर बिहार सरकार को दो लाख 70 हजार करोड़ खर्च करने पड़ेंगे. इसे लेकर प्रधानमंत्री चिंता में हैं, लेकिन हम उनसे एक पैसा नहीं मांगेंगे और न ही कोई पैकेज लेंगे. हमें नहीं चाहिए पैकेज. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा चाहिए.

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा, तो यहां कल-कारखाने खुलेंगे. बेरोजगारों को काम मिलेगा. सूबे की तरक्की होगी. दूसरे प्रदेशों के लोग रोजगार की तलाश में िबहार आयेंगे. ये बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहीं. वह गुरुवार को सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद उच्च विद्यालय, हसपुरा के मैदान में सभा को संबोधित कर रहे थे.

सीएम ने कहा कि बिहार ने इसलिए तरक्की की कि यहां के लोगों में प्रेम है, लेकिन प्रधानमंत्री टकराव पैदा कर जनसमर्थन हासिल करना चाहते हैं. इससे यहां के लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. दो दिन पहले प्रधानमंत्री एक राजनीितक कार्यक्रम में िबहार आये थे. न जाने क्या-क्या बोल गये. मैं तो दंग रह गया कि देश के प्रधानमंत्री ऐसे शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं. मैं इसका जवाब भी देना नहीं चाहता था. लोगों ने कहा प्रधानमंत्री इतना कुछ बोल कर चले गये. अगर, आज आप नहीं बोलेंगे, तो ठीक नहीं होगा. मैंने पीएम के सवालों का ही जवाब दिया था, िजसे आज दोहराना नहीं चाहता हूं.

श्री कुमार ने कहा कि मेरे नेतृत्व में जो सरकार चलायी गयी है, आप सब उसके गवाह हैं. 2006 से हर वर्ष सरकार के कामकाज की रिपोर्ट पेश की गयी. एक माह पहले ही सरकार के पूरे कार्यकाल की रिपोर्ट भी सार्वजनिक की गयी थी. पूरा आंकड़ा राज्य सरकार की वेबसाइट पर उपलब्ध है. अगर, पीएम को सरकार के कामकाज का हिसाब-किताब लेना हो, तो इसे वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं. नहीं तो हमें इसे डाउनलोड करा कर उन्हें भिजवा देंगे. मैं हिसाब-किताब देनेवाला व्यक्ति हूं. जरा बताइये पीएम कह रहे हैं कि वह पांच साल के बाद हिसाब-किताब देंगे, लेिकन उन्हें हर साल रिपोर्ट देना चाहिए. उन्हें केंद्र सरकार के 15 महीने का हिसाब देना चाहिए. लोकसभा चुनाव के समय पीएम ने कहा था कि काला धन वापस लायेंगे, वह कहां गया. पीएम ने कहा था कि देश के बाहरकाला धन इतना है कि हर व्यक्ति के खाते में 15 से 20 लाख रुपये दिये जा सकते हैं. राजनाथ सिंह ने कहा था कि 100 दिन में काला धन वापस लायेंगे.

अब हम कह रहे हैं कि कब आयेगा काला धन और कब मिलेगा गरीबों को पैसा? लोगों के बैंकखाते में डालेंगे या चेक से देंगे. इस दौरान जन-धन योजना के तहत लोगों के बैंकखाते भी खुलवाये गये. पूरे देश में 17 करोड़ से अधिक खाते खोले गये. आज उनमें से आधे बैंक खाते निष्क्रिय हो गये हैं. मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि 15 लाख रुपये बाद मेंे दीजियेगा, अभी मात्र 15 हजार रुपये ही दे दीजिए. जनता मालिक है. सब हिसाब-किताब कर देगी. यही नहीं, लोस चुनाव में नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सत्ता में आयेंगे, तो किसानों का लाभ देंगे. फसल लागत का 50 प्रतिशत समर्थन मूल्य देंगे, लेकिन वह मूल्य देना भूल गये. कहा था कि प्रत्येक वर्ष दो करोड़ लोगों को रोजगार देंगे, लेकिन अभी तक किसी को रोजगार नहीं मिला. यह भी घोषणा की गयी थी कि बिहार को विशेष राज्य व विशेष सहायता देंगे. अब विशेष पैकेज देने में जुट गये हैं. आरा की सभा में पीएम पैकेज की बोली लगा रहे थे. उन्होंने एक लाख 25 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की. जब मैंने इस पैकेज की सच्चाई का पता लगाया, तो पता चला कि एक लाख आठ करोड़ रुपये पहले से ही मंजूर हैं.

ऐसे में पीएम ने सिर्फ 10 हजार करोड़ रुपये ही दिये. पहले राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत गांव-गांव बिजली पहुंचाया जा रही थी, प्रधानमंत्री ने उसका भी नाम बदल दिया. राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत 100 रुपये में 90 रुपये केंद्र देता था और 10 रुपये राज्य सरकार को देने पड़ते थे. लेकिन, अब 60 रुपये केंद्र दे रहा है और 40 रुपये राज्य सरकार को देने पड़ते हैं. बिजली मद का पैसा पीएम ने विज्ञापन में लगा दिया और कहते चल रहे हैं कि बिहार में बिजली की स्थिति काफी खराब है. लेकिन, आज बिहार की स्थिति यह है कि यहां हर गांव में बिजली है. मैंने वादा किया था कि 2015 तक बिजली की स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो वोट मांगने नहीं आऊंगा. मैंने अपना वादा पूरा किया. यदि फिर से उनकी सरकार बनी, तो 2016 तक सूबे के सभी बसावट व टोलों में भी बिजली पहुंचायी जायेगी. 2014 तक सूबे के 20 हजार से ज्यादा गांवों में बिजली पहुंचायी. आज यह बढ़ कर 36 हजार हो गयी है.

श्री कुमार ने कहा है कि बिहार की विकास दर 10 प्रतिशत बढ़ी है. इतनी विकास दर किसी अन्य राज्यों की नहीं है. स्कूल खोले. शिक्षकों की नियुक्ति की. जो बच्चे विद्यालय से बाहर थे, उन्हें स्कूल पहुंचाया. अब गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर ध्यान दे रहे हैं. जब साइकिल योजना की शुरुआत हुई थी, तो उस वक्त नौवीं क्लास में छात्राओं की संख्या एक लाख 70 हजार थी, जो इस बार संख्या बढ़ कर आठ लाख 15 हजार पहुंच गयी है. वहीं, लड़कों की संख्या आठ लाख 28 हजार है. डेढ़ लाख रुपये आयवाले परिवारों के बच्चों को प्रोत्साहन के रूप में छात्रवृत्ति देने का प्रावधान किया. पूरे प्रदेश में छात्रवृत्ति योजना के तहत चार हजार करोड़ रुपये की राशि बांटी गयी है. उन्होंने कहा कि आज पुनपुन, सोन, गंगा नदी पर पुलों का निर्माण हो रहा है. साथ ही, सड़क का निर्माण भी तेजी से हो रहा है.

पूरे करने हैं सात संकल्प

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें सात संकल्प पूरे करने हैं. मौका मिला तो युवाओं को 12वीं कक्षा के बाद क्रेडिट कार्ड देंगे. प्रखंड स्तर पर कौशल विकास केंद्र खुलेंगे, 20 से 25 साल के हर युवा का रजिस्ट्रेशन करायेंगे. इन युवाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपये देंगे, ताकि इन्हें रोजगार तलाशने में घर से पैसा खर्च न करना पड़े. इसके लिए सरकार को 500 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी. पूरे प्रदेश में नि:शुल्क वाइ-फाइ की सुविधा उपलब्ध करायेंगे. जिस तरह महिलाओं को पुलिस बहाली में 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया है, उसी तरह अन्य नौकरियों में भी महिलाओं काे 35 प्रतिशत का आरक्षण देंगे. पांच नये मेडिकल कॉलेज, पॉलिटेक्निक कॉलेज व इंजीनियर कॉलेज खोलेंगे. अगले पांच वर्षों में हर घर में नल का पानी पहुंचायेंगे. गांवों तक सड़कें तो बन गयीं, लेकिन मेरा वादा है कि घर-घर तक सड़क का निर्माण करायेंगे.

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