औरंगाबाद (कोर्ट). बढ़ती लालची प्रवृत्ति व स्वार्थी होती दुनिया में आज भी कहीं न कहीं ईमानदारी कायम है. गुरुवार को एक ऐसा ही ईमानदारी का नमूना देखने को मिला. शहर के सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज के एक छात्र ने यह ईमानदारी का मिसाल पेश किया है. दरअसल सिन्हा कॉलेज के मास कम्यूनिकेशन के छात्र अमित कुमार को उसके पिता गजेंद्र प्रसाद सिंह (मदनपुर के पहरपुरा के रहनेवाले) ने पैसे की निक ासी के लिए 15 हजार रुपये का चेक दिया.
छात्र अमित चेक लेकर रमेश चौक स्थित एसबीआइ के मेन ब्रांच में पहुंचा. अमित ने काउंटर पर बैठी कैशियर सोनाली को चेक दिया. कैशियर ने अमित को 15 के बजाये 55 हजार रुपये दे दिया. अमित ने भी बैंक में पैसे का मिलान नहीं किया और वहां से सीधा अपने शिक्षक अमित कुमार मिश्र के पास चला गया. अमित के साथ उसका दोस्त चंदन कुमार भी था. जब अमित ने वहां पैसे का मिलान किया, तो पैसा 15 की जगह 55 हजार रुपये थे. यह देख अमित ने बैंक से अधिक मिले 40 हजार रुपये को लेकर वापस बैंक पहुंचा और उसी कैशियर सोनाली को लौटा दिया. इधर, काउंटर से अधिक पैसा दिये जाने के बाद कैशियर व मैनेजर परेशान थे. इसी बीच अमित वहां पहुंचा और अधिक मिले पैसे को लौटा दिया. तब जाकर कैशियर व मैनेजर की जान में जान आयी.