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गंदगी की दरुगंध से खड़ा होना मुश्किल

औरंगाबाद (कोर्ट) : शहर का सबसे प्रमुख माने जाने वाला ऐतिहासिक गांधी मैदान पूरी तरह उपेक्षा का शिकार है. यह मैदान वर्षो से जीर्णोद्धार का बाट जोह रहा है. लेकिन इसके लिए अभी तक कोई भी पहल नहीं की गयी है. एक बड़ा मैदान होने के बावजूद इसका लाभ शहरवासियों को नहीं मिल रहा है. […]

औरंगाबाद (कोर्ट) : शहर का सबसे प्रमुख माने जाने वाला ऐतिहासिक गांधी मैदान पूरी तरह उपेक्षा का शिकार है. यह मैदान वर्षो से जीर्णोद्धार का बाट जोह रहा है. लेकिन इसके लिए अभी तक कोई भी पहल नहीं की गयी है. एक बड़ा मैदान होने के बावजूद इसका लाभ शहरवासियों को नहीं मिल रहा है. इसका मुख्य कारण मैदान को गंदगी से पटे रहना है.
गांधी मैदान की हालत यह है कि पूरा मैदान गंदगी से पटा है और इससे उठने वाले दरुगध के कारण इस मैदान में थोड़ी देर भी खड़ा नहीं रहा जा सकता है. मैदान में गंदगी फैलाने में सबसे बड़ी भूमिका आसपास के लोगों की ही है. मैदान के पास में पिछड़े वर्ग के लोग रहते हैं, जो शौच के लिए गांधी मैदान का ही उपयोग करते हैं. हालांकि, इसके पीछे इनके घरों में शौचालय नहीं होना कारण है.
बड़े-बड़े कार्यक्रमों का गवाह है गांधी मैदान
शहर का गांधी मैदान बड़े-बड़े कार्यक्रमों का गवाह बन चुका है. प्रशासनिक स्तर पर हो या फिर राजनीतिक कार्यक्रम. सभी तरह के प्रमुख कार्यक्रम इसी मैदान में आयोजित होते हैं. चाहे स्वतंत्रता दिवस का मौका हो या गणतंत्र दिवस का अवसर. वहीं, इस मैदान में देश के कई बड़े-बड़े राजनेताओं की सभाएं आयोजित हुई है.
प्रदेश स्तरीय नेताओं के साथ-साथ राजनाथ सिंह, राहुल गांधी, शत्रु सिन्हा, सुषमा स्वराज, लाल कृष्ण आडवाणी, एचडी देवगौड़ा, उमा भारती जैसी सरीखे राजनीतिक हस्तियां इस मैदान में आयोजित सभाओं में भाग ले चुके हैं. साथ ही प्रशासनिक कार्यक्रम भी इसी मैदान में आयोजित होते हैं. इसके बावजूद इस मैदान पर कोई खास ध्यान नहीं दिया जाता है, जिसके कारण इसकी स्थिति आज बद से बदतर है.
देखभाल का है अभाव
गांधी मैदान का उचित देखभाल का भी अभाव है. यही कारण है कि मैदान के चारों ओर बनाये गये चहारदीवारी को तो तोड़ ही दिया गया, साथ ही मैदान में बैठने के लिए पक्के की कुरसी बनायी गयी थी, जो कि क्षतिग्रस्त होने लगा है. यदि मैदान को साफ व सुरक्षित रखा जाये तो स्थानीय खिलाड़ी इसका उपयोग कर सकते हैं. गांधी मैदान की देखभाल व नियमित साफ-सफाई के लिए स्थानीय लोगों ने कई बार प्रशासन से मांग की है. लेकिन, जिला प्रशासन द्वारा ध्यान दिया गया और न ही नगर पर्षद द्वारा. अब मैदान की हालत यह है कि यहां कोई घूमने भी नहीं आता. जब कोई नेताओं का कार्यक्रम का होता है तब इसकी साफ-सफाई करायी जाती है.

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