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काला पानी की काट रहे थे सजा
ईंट भट्ठे से मुक्त कराये गये मजदूरों की दर्द भरी कहानी, कहा औरंगाबाद (नगर) : रफीगंज थाना क्षेत्र के गुलाब बिगहा गांव स्थित बाबा ईंट भट्ठे से मुक्त कराये गये छत्तीसगढ़ के मजदूरों ने जो कहानी सुनाई, वह रोंगटे खड़ा कर देने वाली घटना है. मुक्त होने के बाद सभी 26 मजदूर अपने पांच मासूम […]
ईंट भट्ठे से मुक्त कराये गये मजदूरों की दर्द भरी कहानी, कहा
औरंगाबाद (नगर) : रफीगंज थाना क्षेत्र के गुलाब बिगहा गांव स्थित बाबा ईंट भट्ठे से मुक्त कराये गये छत्तीसगढ़ के मजदूरों ने जो कहानी सुनाई, वह रोंगटे खड़ा कर देने वाली घटना है. मुक्त होने के बाद सभी 26 मजदूर अपने पांच मासूम बच्चों के साथ किसी तरह सदर प्रखंड मुख्यालय स्थित मनरेगा भवन में शुक्रवार की रात गुजारी.
प्रभात खबर की टीम ने मजदूरों से व्यथा जानने की कोशिश की तो मजदूर रंजीत र्के, रोहित र्के ने कहा कि, 14 माह पहले सभी मजदूरों को नारायण निराला ने रोजगार दिलाने के नाम पर रफीगंज प्रखंड के गुलाब बिगहा स्थित बाबा ईंट भट्ठा पर लगाया था. उस दौरान उन्होंने कहा कि प्रति हजार ईंट बनाने में 545 रुपये मजदूरी के रूप में मिलेगा और खाना के साथ-साथ चिकित्सीय सुविधा भी दी जायेगी. लेकिन, जब घर जाने के लिए एक वर्ष बाद कहने लगे और बकाये मजदूरी की मांग ईंट भट्ठा मालिक पवन से करने लगे, तो उन्होंने न तो घर जाने दिया और न ही पैसे दिये. विरोध करने पर महिलाओं के साथ बदसलूकी व मारपीट की गयी. मजदूरों ने कहा कि हमलोगों को स्नान करने के लिए गंदा पानी उपलब्ध कराया जाता था, जिसमें कीड़े होते थे. पीने के लिए भी पानी गंदा होता था.
हमलोग पिछले छह माह से काला पानी की सजा काट रहे थे. लेकिन, ईश्वर का कृपा हुआ कि हमलोग वहां से मुक्त होकर घर जाने वाले हैं. इसी बीच एक महिला मजदूर यह कहते हुए फूट-फू ट कर रोने लगी कि घर से एतना दूर पेट के खातिर कमाये आइल हलीये, लेकिन अब जायला पैइसे खई, जब तब जान रहतई इहां कमाये न अबई.
मजदूरों को मुक्त होने के बाद कामगार संगठन गया के संयोजक शत्रु सिंह ने कहा कि मजदूरों को ईंट भट्ठा पर रोके जाने की सूचना 14 मार्च को ही प्रशासन को दी गयी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. जब एससी एसटी आयोग के अध्यक्ष विद्यानंद विकल से वार्ता की गयी, तो उन्होंने एसपी को सारी जानकारी दी.
एसपी के निर्देश के बाद रफीगंज थानाध्यक्ष श्याम किशोर सिंह ने ईंट भट्ठा से सभी 26 मजदूरों को अपने कब्जे में लेते हुए श्रम परिवर्तन पदाधिकारी अनिल वर्णवाल के हवाले किया. उन्होंने ईंट भट्ठा मालिक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करते हुए सभी मजदूरों के बकाये रुपये दिलाने की मांग की है. इधर, ईंट भट्ठा मालिक पवन ने बताया कि मजदूरों ने भट्ठा पर काम करने से पहले ही रुपये ले लिये थे. किसी भी मजदूर का मजदूरी बाकी नहीं है. ईंट भट्ठा पर किसी मजदूर को बंधक नहीं बनाया गया था. सभी अपने मन से काम कर रहे थे.
उल्लेखनीय है कि रफीगंज थाना क्षेत्र के गुलाब बिगहा गांव स्थित ईंट भट्ठा पर काम करने वाले छत्तीसगढ़ के 26 मजदूरों को शुक्रवार को मुक्त कराया गया था. इसमें एक एनजीओ व थानाध्यक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण रही. सभी मजदूर थाना पहुंचे थे और अपनी आपबीती पुलिस को सुनायी थी. इस पर थानाध्यक्ष ने सभी मजदूरों को श्रम परिवर्तन पदाधिकारी अनिल कुमार वर्णवाल के हवाले कर दिया था.
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