खुलासा . रोजगार सृजन प्रशिक्षण कार्यक्रम की खुली कलई, लाखों का हुआ भुगतान
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पूरा नहीं हो पाया प्रशिक्षण
खुलासा . रोजगार सृजन प्रशिक्षण कार्यक्रम की खुली कलई, लाखों का हुआ भुगतान सूचना के अधिकार के तहत मिली सूचना के आधार पर रोजगार सृजन कार्यक्रम में हुए घालमेल का मामला सामने आया. अररिया : रोजगार सृजन प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत लगभग पांच वर्ष पूर्व छह संस्था व एनजीओ द्वारा चलाये गये प्रशिक्षण कार्यक्रम में […]
सूचना के अधिकार के तहत मिली सूचना के आधार पर रोजगार सृजन कार्यक्रम में हुए घालमेल का मामला सामने आया.
अररिया : रोजगार सृजन प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत लगभग पांच वर्ष पूर्व छह संस्था व एनजीओ द्वारा चलाये गये प्रशिक्षण कार्यक्रम में अधिकारी व संस्था की मिलीभगत से घालमेल कर राशि की लूट व बंदरबाट किये जाने का मामला सामने आ रहा है. विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा चयनित छह प्रशिक्षण संस्थाओं द्वारा सिलाई एवं ब्यूटिशीयन, सुरक्षा गार्ड, कंप्यूटर, ड्राइविंग आदि का 2250 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया था.
इसमें नप से लगभग 45 लाख से अधिक की राशि का भुगतान भी फर्जी प्रशिक्षण के नाम पर लिये जाने की बात सामने आ रही है. मामले का खुलासा सूचना का अधिकार कानून के तहत प्राप्त दस्तावेज के आधार पर मारुति सेवा सदन रोड वार्ड संख्या छह निवासी राम विनय राय द्वारा किया गया है. उन्होंने कार्यपालक पदाधिकारी के कार्यालय से प्राप्त सूचना पत्रांक 196 दिनांक 28 नवंबर 16 के अवलोकन करने के बाद पाया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में नप के अधिकारी,
कर्मचारी और प्रशिक्षण संस्थान द्वारा भारी पैमाने पर राशि की लूट व भ्रष्टाचार किया गया है. इसके उच्च स्तरीय जांच की मांग को ले प्रधान सचिव नगर विकास, आवास विभाग व डीएम को आवेदन की एक प्रति प्राप्त सूचना के साथ भेज कर की गयी है.
छह संस्था ने 2250 प्रशिक्षणार्थियों को दिया था प्रशिक्षण
संस्था कृषि एजुकेशनल एंड हेल्थ सेवा संस्थान, इंफोसिस्टम एंड सोल्यूशन, उजमा महिला विकास समिति, ग्रामीण बाल विकास समिति, श्रीराम न्यू होराइजन्स व संबोधित संस्था द्वारा विभिन्न ट्रेड के तहत 2250 प्रशिक्षणार्थियों को छह प्रकार के प्रशिक्षण दिया गया था. सभी प्रशिक्षण संस्थानों को प्रशिक्षण के लिए नप द्वारा अग्रिम राशि का भुगतान भी किया गया था. लेकिन प्रशिक्षिण कार्यक्रम के समाप्ति के बाद कितने प्रशिक्षणार्थी को प्रमाण पत्र मिला इसकी जानकारी कार्यालय द्वारा आरटीआइ के माध्यम से आवेदक को उपलब्ध नहीं कराया जा सका है, जो भी प्रमाणपत्र बांटे भी गये हैं
उस पर तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी अनिरुद्ध प्रसाद के हस्ताक्षर की बात कही जा रही है. प्रशिक्षणार्थियों के संख्या के अलावा नप द्वारा आरटीआइ के माध्यम से कुल कितने राशि के विरुद्ध कितना अग्रिम का भुगतान प्रशिक्षण संस्थान को किया गया है इसकी भी जानकारी आवेदक को नहीं दी गयी है. प्रशिक्षण समाप्ति के बाद संबंधित संस्था द्वारा राशि के एवज में विपत्र भी जमा नहीं किया गया है.अधिकृत अधिकारी द्वारा राशि तो संस्था को दे दी गयी. लेकिन प्रशिक्षण कार्यक्रम की जांच तक नहीं की गयी. जो कार्यालय अधिकारी व प्रशिक्षण संस्था की मिली भगत को दर्शा रहा है. ऐसे में आवेदक राम विनय राय ने उच्च स्तरीय जांच कर सरकारी राशि के बंदरबाट किये जाने वाले दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है.
लंबी अवधि तक चला 2250 प्रशिक्षणार्थियों का फर्जी प्रशिक्षण, सिर्फ प्रमाण पत्र हुए निर्गत
दोषी एजेंसियों पर होगी कार्रवाई
संबंधित एजेंसियों द्वारा अग्रिम प्राप्त करने के उपरांत प्रशिक्षण के कार्यक्रम को पूरा नहीं किया. उनके विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए विभाग को प्रतिवेदित किया जायेगा.
भवेश कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी
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