सड़क पर कुर्साकांटा-फारबिसगंज के बीच 27 किलोमीटर का आता है दायरा
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सड़क के अभाव में क्षेत्र के लोग चचरी पुल से कर रहे हैं आवागमन
सड़क पर कुर्साकांटा-फारबिसगंज के बीच 27 किलोमीटर का आता है दायरा काशी के डोम राजा ने बनवायी थी सड़क अररिया : हा जाता है कि बनारस के डोम राजा ने काशीसे असम तक जाने के लिए सड़क का निर्माण कराया था, जिस पर आजादी के बाद टुकड़ों -टुकड़ों में कई सड़कें बनीं. लेकिन कोई भी […]
काशी के डोम राजा ने बनवायी थी सड़क
अररिया : हा जाता है कि बनारस के डोम राजा ने काशीसे असम तक जाने के लिए सड़क का निर्माण कराया था, जिस पर आजादी के बाद टुकड़ों -टुकड़ों में कई सड़कें बनीं. लेकिन कोई भी सड़क व्यावसायिक व लोकहित को पूरा नहीं कर पाया, जिस कारण आज भी डोम सड़क के आस-पास के गांवों के लाखों की आबादी कभी नदियों पर पुल तो कभी सड़क के लिए लालायित रही है. आज भी इस इलाके के लोगों के लिए इस सड़क पर पुल के अभाव में चचरी पुल के सहारे अपने यातायात व्यवस्था को बनाये रखने के लिए मजबूर हैं. जिले के फारबिसगंज व कुर्साकांटा के बीच आने वाले 27 किलोमीटर लंबी डोम सड़क का हाल भी कुछ ऐसा ही है.
सड़क बना तो पुल नहीं. अब जब पुल बन रहा है तो सड़क का हाल बुरा है. जानकारी अनुसार डोमड़ा बांध के नाम से मशहूर इस सड़क पर वित्तीय वर्ष 2012-13 में पूर्व सांसद प्रदीप कुमार सिंह के प्रयास से परमान नदी के औसरी घाट पर करोड़ों रुपये की लागत से बनने वाले पुल के निर्माण के लिए स्वीकृति दिलायी गयी, जिसका शिलान्यास वर्ष 2015 में वर्तमान सांसद तस्लीमउद्दीन द्वारा किया गया. दो वर्ष बीत गये पर पुल का निर्माण पूरा नहीं हो पाया. डोम बांध पर बना कपरफोरा पुल भी ओवरलोड गिट्टी लदे ट्रक की चपेट में आकर वर्ष 2014 से ही क्षतिग्रस्त हो गया. पुल निर्माण के लिए जहां ग्रामीण बेसब्र हो रहे हैं.
सिकटी विधायक विजय कुमार मंडल द्वारा इस पथ पर पुल निर्माण के लिए ग्रामीण सचिव से मिलकर सकारात्मक पहल किये जाने की बात कही जा रही है.
सड़क निर्माण का जिम्मा स्थानीय जनप्रतिनिधियों के कंधे पर
डोम सड़क का निर्माण नहीं होने से सीमा क्षेत्र का विकास भी अवरुद्ध है. कहा जाता है कि बनारस के डोम राजा ने उस दौरान भीषण अकाल को देखते हुए काशी से असम तक इस सड़क का निर्माण कराया था. माना जाता है कि इसका बड़ा हिस्सा कोसी में विलीन हो गया है. इसके बाद फारबिसगंज-कुर्साकांटा के बीच 27 किलोमीटर की दूरी में लगभग यह सड़क अधूरी पड़ी है, जिससे इसका अस्तित्व भी दम तोड़ने के कगार पर है. कई जगहों पर तो यह अतिक्रमण की चपेट में है. वैसे तो कुर्साकांटा प्रखंड के जागीर परासी पंचायत होकर गुजर रही 107 किलोमीटर की सीमा सड़क का कुछ भाग डोम सड़क पर ही होकर गुजर रहा है, जिससे बरजान नदी पर जर्जर पुल के बगल में एक नये पुल का निर्माण सीमा सड़क एजेंसी द्वारा कराया जा रहा है. लेकिन मेहंदीपुर चौक से कुछ पहले फिर सीमा सड़क उत्तर दिशा की तरफ मुड़ गया है. इससे इस सड़क के जीर्णोद्धार की आस स्थानीय विधायक व वर्तमान सांसद के कंधों पर है.
कहते हैं विधायक
इधर इस संबंध में पूछे जाने पर सिकटी विधायक विजय कुमार मंडल ने बताया कि उनके विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले डोमरा सड़क के जीर्णोद्धार के लिए लगभग साढ़े छह करोड़ की योजना को जमीन पर उतारने का प्रयास किया गया है.
उन्होंने बताया कि साढ़े छह करोड़ के प्राक्कलन से हत्ता चौक से मेहंदीपुर पेट्रोल पंप तक की सड़क का जीर्णोद्धार कराने की स्वीकृति करायी गयी है. इसकी निविदा की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गयी है. फारबिसगंज विधायक ने भी अपने क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले डोमरा सड़क के निर्माण की प्रक्रिया को जल्द ही शुरू कराने की बात कही है.
सड़क निर्माण से किसानों को मिलेगा बड़ा बाजार
इस सड़क के बन जाने से सिर्फ किशनगंज के लोहगारा से सिल्लीगुड़ी सड़क से भी यह जुड़ जायेगा. साथ ही यूपी से असम जाने में तकरीबन तीन सौ किलोमीटर की बचत हो सकती है. विगत 60 के दशक में रशियन पद्धति पर फारबिसगंज का विघटित मार्केटिंग यार्ड इसलिए बनाया गया था कि क्षेत्र के किसानों के उत्पादन को उचित मूल्य मिल सके. इसके लिए कृषि टैक्स भी लगाया गया था. जानकारों की माने तो इस राशि का सदुपयोग होता तो क्षेत्र के किसानों के घर-घर यातायात की सुविधा होती. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. नयी सरकार ने किसानों की रही सही आस भी तोड़ दी. सरकार द्वारा मार्केटिंग यार्ड को विघटित कर दिया गया. हालांकि अभी डोम सड़क बांध पर औसरी के पास पुल निर्माणाधीन है. इसके पूरा होने के बाद किसानों को अपने उत्पादन को बड़े बाजारों में बेचने का सपना पूरा हो सकता है.
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