अररिया : रोजा अच्छे काम करने की शक्ति पैदा करता है. माहे रमजान हमदर्दी व भलाई का महीना है. रोजा का मकसद अपने इंद्रियों पर काबू पाना है. माहे रमजान व इसमें रखे जाने वाले रोजे के महत्व पर ऐसी जानकारी देते हुए जमाते इसलामी के अमीरे मुकामी मो मोहसिन ने बताया कि रोजा के लिए अरबी भाषा में सौम शब्द है.
इसका अर्थ है रूक जाना. रोजा रखने के दौरान लोग सुबह से लेकर सूर्यास्त तक खाना-पीना छोड़ देते हैं. पर उन्होंने एक हदीस के हवाले से कहा कि रोजा में झूठ बोलना व उस उस पर अमल करना न छोड़ा तो अल्लाह उस शख्स के भूखे-प्यासे रहने का मोहताज नहीं है. बताया गया कि रमजान के महीना में ही पवित्र कुरान उतारा गया, जो लोगों के लिए सर्वथा मार्गदर्शन है.