अहिंसा यात्रा शहर में बना रहा है सद्भावना का माहौल
अररिया : आचार्य श्री महाश्रमण के अररिया प्रवास के सातवें दिन व तेरांपथ भवन के दूसरे दिन के प्रवास के दौरान श्रद्धालु आचार्य श्री महाश्रमण के साथ आस्था के सागर में डुबकी लगाते रहे. सुबह की गोचरी यात्रा के बाद आचार्य श्री महाश्रमण के साथ आये साधु संतों की दल शहर के गलियों में घुम- घुम कर ज्ञान का संदेश का प्रचार करते रहे.
जैन समाज के अलावा विभिन्न संप्रदाय के लोग भी आचार्य श्री महाश्रमण के आदर्श विचारों को आत्मसात करने में लगे देखे गये. आचार्य महाश्रमण के अनुसार धर्म का रास्ता को पाने का मार्ग सिर्फ प्रवचन को सुनना नहीं होता है. इसी क्रम में लोग आस्था की डुबकी लगाने के लिए विभिन्न सेवाओं में लगे देखे गये.
वह जैनी हो या नहीं , जैन धर्म को मानता हो कि नहीं लेकिन आचार्य के सेवा में जरूर लगा रहा है. आचार्य श्री महाश्रमण के पांच दिनों के प्रवास के दौरान नगर परिषद के द्वारा मीट, मछली पर प्रतिबंध की ऐतिहासिक निर्णय को लोग दिल से कबूल कर रहे हैं. इसका परिणाम है कि शहर के चौक चौराहों पर लगे मीट व मछली की दुकानें बंद हैं.
आचार्य श्री महाश्रमण की यात्रा के क्रम शहर में जहां देखो सभी एक वस्त्र, एक रंग एक स्लोगन में नजर आ रहे थे. कहीं न कहीं सभी धर्म ओर संप्रदाय के लोग जैन संप्रदाय के भावनाओं का कद्र करते हुए सद्भाव का माहौल कायम कर रहे हैं. आचार्य श्री महाश्रमण के आगमन को लेकर अन्य संप्रदाय के लोगों ने जो उत्साह दिखाया वह जिले के धरती पर आपसी सद्भाव की सबसे बड़ी मिसाल है.
यतीम खाना के बच्चों ने आचार्य महाश्रमण का स्वागत किया तो जिले के विधायक आबिदुर्रहमान ने आचार्य श्री महाश्रमण को हमारा गुरु कह कर संबोधित किया. सामाजिक कार्यकर्ता अजय झा ने आचार्य श्री महाश्रमण के आगमन को लेकर अररिया की धरती को पावन होने की बात कह डाली.
नप के मुख्य पार्षद प्रतिनिधि इम्तियाज आलम, उप मुख्य पार्षद गौतम साह, पार्षद रितेश राय के द्वारा की जा रही सेवा निश्चित ही जिले के माहौल में सद्भावना का अमृत रस घोल रहा है.