रंग ला रहा है टीबी खोजबीन का विभागीय प्रयास10 सालों में 80 हजार की हुई जांचजिले में 16 हजार से अधिक रोगियों में मिले टीबी के लक्षण10 हजार से अधिक हो चुके हैं संक्रमण मुक्तएमडीआर रागियों की संख्या 40टीबी उन्मूलन के लिए चल रहा है आरएनटीसीपी कार्यक्रम प्रतिनिधि, अररियाटीबी उन्मूलन के लिए चलाये जा रहे आरएनटीसीपी कार्यक्रम के तहत किया जा रहा प्रयास कमोबेश सफल होता नजर आ रहा है. न केवल यह कि कार्यक्रम के क्रियान्वयन में लगा अमला टीबी संक्रमित लोगों की पहचान करने को लेकर खासा मेहनत कर रहा है. बल्कि बलगम आदि की जांच कर संक्रमित रोगियों का उपचार किया जा रहा है. लोगों में बीमारी को लेकर जागरूकता भी बढ़ी है. शंका होने पर लोग खुद भी जांच के लिए पहुंच रहे हैं. इसका अंदाजा इस बात से होता है कि पिछले लगभग 10 सालों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा करीब 80 हजार लोगों का बलगम जांच की गयी. जांच कराने वालों की संख्या साल दर साल बढ़ी भी है.सदर अस्पताल परिसर स्थित जिला यक्ष्मा केंद्र कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिले में वर्ष 2005 के सितंबर माह में शुरू हुआ. उस साल 1311 लोगों के बलगम की जांच की गयी, जबकि वर्ष 2006 में 6035, वर्ष 2007 में 7732 लोगों के बलगम की जांच कर संक्रमितों की पहचान की गयी. ये सिलसिला साल दर साल बढ़ता गया. इसी क्रम में पिछले वर्ष 2014 में कुल 9993 लोगों के बलगम की जांच कर 1159 टीबी संक्रमित रोगियों की पहचान कर उपचार शुरू किया गया है. दिये गये आंकड़ों के मुताबिक पिछले लगभग 10 सालों में जिले भर में 79 हजार 935 लोगों का बलगम जांच किया गया. इन में नौ हजार 593 लोगों में टीबी संक्रमण की पुष्टि हुई. बहुत सारे मामलों में एक्सरे व अन्य तरह की जांचों की भी सहारा लिया गया. सभी तरह की जांचों के बाद कुल 13 हजार 770 टीबी संक्रमितों की पहचान करने में सफलता मिली है. क्या कहते हैं अधिकारीजिला यक्ष्मा चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मो मोइज ने बताया कि पहले के मुकाबले में रोग की जांच को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ी है. आरएनटीसीपी के तहत लोगों को जागरूक किया जा रहा है. स्कूलों में भी कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. बीमारी का शक होने पर लोग खुद भी बलगम की जांच के लिए पहुंचने लगे हैं. टीबी के सामान्य रोगियों को छह से आठ माह के दवा के कोर्स का इस्तेमाल कराया जाता है. फिर फॉलोअप होता है. एमडीआर मामले में दो वर्ष से 27 माह तक दवा खानी पड़ती है. लेकिन दोनों ही मामलों में रोगी पूरी तरह ठीक हो जाता है. चिह्नित रोगियों में से अब तक 10 हजार 484 रोगी उपचार के बाद संक्रमण मुक्त हो चुके हैं.कहते हैं सीडीओ जिला कम्युनिकेबल डिजीज ऑफिसर यानी सीडीओ के पद पर कार्यरत डॉ एपी सिंह ने कहा कि कार्यक्रम की सफलता के लिए समाज व समुदाय में जागरूकता का स्तर और बढ़ाना होगा. यह जरूरी है कि टीबी रोग को लेकर सामाजिक भ्रम व लज्जा खत्म हो. टीबी उन्मूलन में समुदाय का सहयोग बहुत आवश्यक है. आशा व एएनएम को भी संबंधित निर्देशों का अनुपालन करना होगा. वर्ष®®बलगम जांच®®कुल पॉजिटिव2005®1311®®®2252006®6035®®®7672007®7732®®®9052008®6439®®®8322009®6284®®®8082010®8004®®®10472011®8916®®®11132012®8747®®®9802013®9312®®®9182014®9993®®®11592015®7162®®®839चिह्नित किये गये कुल संक्रमित मामले- 13770उपचार के बाद संक्रमण मुक्त मामले- 10484डीएम ने की प्रखंड विकास पदाधिकारियों के साथ बैठकदी सफल चुनाव की बधाई अब सारा फोकस विकास पर, लापरवाही बरदाश्त नहींयोजनाओं की करें मॉनीटरिंग, आरटीपीएस के बैक लॉग को करें शून्यतीन दिनों में करें वाहनों की ऑन लाइन इंट्री, हो भुगतानजिले को एक से पांच रैंक के भीतर है लानाप्रतिनिधि, अररियाशुक्रवार को बीडीओ व अन्य वरीय अधिकारियों के साथ हुई बैठक में डीएम हिमांशु शर्मा ने जहां निष्पक्ष व सफल विधान सभा चुनाव कराने में सक्रिय योगदान के लिए बीडीओ व अन्य अधिकारियों को बधाई दी. वहीं ये भी साफ कि या कि अब एक बार फिर सारा फोकस विकास पर होगा. योजनाओं के कार्यान्वयन व मॉनीटरिंग में किसी प्रकार की कोताही बरदाश्त नहीं की जायेगी. उन्होंने कहा कि जिले को विकास के सभी पैमानों में राज्य में एक से पांच रैंक के भीतर लाना है.मिली जानकारी के अनुसार डीएम कार्यालय कक्ष में हुई बैठक में डीएम ने कहा कि पंचायती राज की योजनाओं के साथ साथ बीडीओ पंचायत समिति व एमएसडीपी योजनाओं की भी जांच करते रहें. ताकि कहीं कोई कमी न रहे. आरटीपीएस के तहत बैक लॉग के सभी मामलों को पांच दिनों के भीतर शून्य करें. वरना कार्रवाई के तहत आर्थिक दंड लगाया जायेगा. बताया जाता है कि डीएम ने चुनाव के लिए जब्त वाहनों के लॉग बुक की ऑन लाइन इंट्री का काम तीन दिनों के भीतर पूरा करते हुए भुगतान सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया. साथ ही कहा कि अगर डीजल अनुदान के तहत कुछ लाभुकों का भुगतान लंबित हो तो राशि की डिमांड करें. उन्होंने 27 नवंबर से अररिया प्रखंड के पंचायतों में शुरू होने वाले जांच को लेकर भी बीडीओ को आवश्यक निर्देश दिये. डीएम ने कहा कि 25 नवंबर को वे फिर से बैठक कर दिये गये टास्क की प्रगति की समीक्षा करेंगे. बैठक में डीडीसी अरशद अजीज, डीआरडीए निदेशक मनोज कुमार झा के अलावा रतन कुमार दास, अमित कुमार अमन सहित सभी बीडीओ मौजूद थे. वहीं बताया जाता है कि इसके पूर्व डीडीसी ने बीडीओ व पीओ आदि के साथ डीआरडीए सभा भवन में बैठक कर योजनाओं की समीक्षा की थी.
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