अररिया : सोमवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर जिला जन संपर्क प्रशाखा द्वारा आयोजित गोष्ठी के दौरान डीएम व अन्य अधिकारियों ने लोकतंत्र, अखंडता व संप्रभुता के लिए प्रेस की स्वतंत्रता की वकालत की. गोष्ठी के क्रम में ये राय भी उभर कर सामने आयी कि अन्य माध्यमों की तरह विचारों की अभिव्यक्ति के लिए कार्टून व व्यंग्य चित्र भी न केवल सशक्त व प्रभावी माध्यम होते हैं. बल्कि इन के जरिया एक झलक में ही पूरा मंजर सामने आ जाता है.
डीआरडीए सभा भवन में आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने आरके लक्ष्मण, सुधीर दार, अबु अब्राहम, मारियो मिरिंडा, शंकर पिल्लई, आबिद सूर्ती, मो इरफान व पवन जैसे कार्टूनिस्ट का विशेष जिक्र करते हुए उनकी सराहना की. प्रेस दिवस की बधाई देते व मीडिया कर्मियों का स्वागत करते हुए डीएम हिमांशु शर्मा ने कहा कि देश में अगर लोकतंत्र फल फूल रहा है तो इसमें मीडिया का भी अहम रोल है. उन्होंने कहा कि मीडिया केवल लोकतंत्र का प्रहरी ही नहीं है
बल्कि महत्वपूर्ण विषयों पर ओपीनियन बिल्डिंग में लेखकों, आलोचकों के साथ प्रेस भी अहम भूमिका निभाता है. कार्टूनों व व्यंग्य चित्रों के महत्व की चर्चा करते हुए डीएम ने कहा कि माहौल को बोझिल बनाये बगैर कार्टून के जरिया पूरी बात कह दी जाती है. स्वस्थ समाज के निर्माण में भी कार्टूनों व व्यंग्य चित्रों की अहम भूमिका होती है.वरिष्ठ पत्रकार डा नवल किशोर दास, प्रो अशोक झा, सूदन सहाय, एलपी नायक, परवेज आलम, मुर्शिद रजा, अमित कुमार अमन, पंकज रंजीत, फीरोज आलम आदि ने गोष्ठी में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मीडिया में कार्टूनों व व्यंग्य चित्रों का चलन व महत्व बढ़ता जा रहा है.
कार्टूनों द्वारा व्यक्त संदेश सीधे दिल तक पहुंचते हैं. ये पाठकों की संवेदनशीलता पर चोट करता है. डीआरडीए निदेशक मनोज कुमार झा व प्रभारी जिला जन संपर्क पदाधिकारी धीरेंद्र मिश्रा ने कहा कि कार्टून व व्यंग्य चित्रों की मारक क्षमता बहुत अधिक होती है. मुमकिन है कि ये आहत करते हों, पर लोग बुरा नहीं मानते.
कार्टूनिस्ट व राजनेताओं के मित्रता का देश में पुराना इतिहास है. इस अवसर पर वरीय उप समाहर्ता नीरज नारायण पांडे, डीसीएलआर कलीमुददीन अहमद के अलावा जितेंद्र सिंह, चंदन कुमार लालू, विष्णुदे झा बेदी, पेकज कुमार, साजिद आलम, रवि भगत, राकेश भगत, मिंटु सिंह, नवीन कुमार,सतीश मिश्रा सहित दर्जनों मीडिया कर्मी मौजूद थे.