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छठ व्रतियों ने ग्रहण किया अरवा, खरना आज

छठ व्रतियों ने ग्रहण किया अरवा, खरना आज फोटो 15 केएसएन 8,9,16 सूप, डाला व नारियल खरीदते ग्राहक प्रतिनिधि, किशनगंजलोक आस्था का महापर्व छठ पूजा नहाय-खाय के साथ चार दिनों तक चलने वाला धार्मिक अनुष्ठान रविवार से शुरू हो गया. छठ पूजा को ले व्रतियों ने महानंदा, डोक व जलाशयों में स्नान कर अरबा भोजन […]

छठ व्रतियों ने ग्रहण किया अरवा, खरना आज फोटो 15 केएसएन 8,9,16 सूप, डाला व नारियल खरीदते ग्राहक प्रतिनिधि, किशनगंजलोक आस्था का महापर्व छठ पूजा नहाय-खाय के साथ चार दिनों तक चलने वाला धार्मिक अनुष्ठान रविवार से शुरू हो गया. छठ पूजा को ले व्रतियों ने महानंदा, डोक व जलाशयों में स्नान कर अरबा भोजन ग्रहण किया. जिसमें कद्दू की अनिवार्यता को लो बाजार में उंची दामों पर लोग खरीददारी की. वहीं सोमवार को खरना की तैयारी शुरू हो गई है. बाजार में खरीदारी को को ले सुबह से भीड़ देखी गयी. वहीं सोमवार को बाजार में खरीददारी की भारी भीड़ होने का अनुमान है. बाजारों में जगह-जगह नारियल, केला, सेब, टाब, जल सिंघारा आदि फलों की जम कर खरीदारी होती रही.पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है छठसूर्योपासना का लोकपर्व छठ पूजा कार्तिक माह में सर्दी के आरंभ के साथ ही किया जाता रहा है. छठ पूजा के आध्यात्मिक व पर्यावरण के महत्व पर शहर के कई बुद्धिजीवियों से बातचीत हुई. रतन साहा महिला काॅलेज के प्राचार्य विष्णु कुमार नायक ने बताया कि इस पूजा में सुचिता का विशेष ध्यान रखा जाता है. आत्म शुद्धि के साथ-साथ संपूर्ण जगत प्राकृतिक शुद्धि का महत्व इसमें है. ध्यान से देखा जाए तो समसामयिक फलों व अन्य प्राकृतिक वस्तुओं से छठ पूजा होती है. मौसम में हुए बदलाव में सूर्य से निकलने वाली किरणे उर्जा से भरी होती है. सूर्य से मिलने वाली उर्जा आम लोगों के लिए अमृत समान होती है. श्री सिंह ने बताया कि सूर्य उपासपना से धनधान्य की वृद्धि होती है, कुल वंश की वृद्धि होती है. मारवाड़ी कालेज से सेवानिवृत अंग्रेजी के प्राध्यापक प्रो भुवनेश्वर प्रसाद ने कहा कि छठ मइया को अर्पित की जाने वाली सभी वस्तुएं प्रकृति से प्राप्त होती है.मिट्टी के बने हाथी, ढकना, बांस से बने सूप, छिट्टा, टोकरी का उपयोग किया जाता है. इसके अलावे फल में नारंगी, सेव, अदरख, ईख, जल सिंघाड़ा, केला, डाब नींबू आदि का उपयोग प्रसाद के रूप में व्रती करते है जो पर्यावरण संतुलन में सहायक हो रहा है. उन्होंने बताया कि इस पर्व में नयी फसल से बने प्रसाद तथा इस माह उपजने वाले फलों को अर्पित किया जाता है.गेहूं सुखाने में जुटी रहीं व्रतीछठ पूजा पर तैयार होने वाले महा प्रसाद के लिए व्रतियों द्वारा गेहूं सुखाने का कार्य शुरू है. अनेक व्रती सोमवार को अपने घर के आंगन,खाली स्थान व छत पर गेहूं सुखाने में जुटी रही.घर लौटने लगे परेदशीछठ पूजा को ले दूसरे प्रदेश से लोग अपने-अपने गांव लौटने लगे है. स्थानीय रेलवे स्टेशन पर पहुंचने वालों की भारी भीड़ देखी जा रही है. ट्रेनों में बगैर आरक्षण के भारी परेशानियों को सामना कर अपने गांव पहुंचने वालों के चेहरे पर संतोष उत्साह का भाव देखा जा रहा है.

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