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भाई-बहन के स्नेह का पर्व भैया दूज संपन्न

भाई-बहन के स्नेह का पर्व भैया दूज संपन्न फोटो 13 केएसएन 2,3,6सामूहिक पूजा-अर्चना करती बहनें, भाई की तिलक लगाती बहनें. भैया दूज के मौके पर गोधन कूटती बहनें. प्रतिनिधि, कोचाधामनशुक्रवार को भैया दूज के अवसर पर बहनों ने अपने भाइयों के माथे पर टीका लगा कर उनकी आरती उतारी एवं उनके दीर्घ जीवन व सुख-समृद्धि […]

भाई-बहन के स्नेह का पर्व भैया दूज संपन्न फोटो 13 केएसएन 2,3,6सामूहिक पूजा-अर्चना करती बहनें, भाई की तिलक लगाती बहनें. भैया दूज के मौके पर गोधन कूटती बहनें. प्रतिनिधि, कोचाधामनशुक्रवार को भैया दूज के अवसर पर बहनों ने अपने भाइयों के माथे पर टीका लगा कर उनकी आरती उतारी एवं उनके दीर्घ जीवन व सुख-समृद्धि की कामना की. इस त्योहार में मुख्य रूप से भाई अपने बहन के घर जाते हैं, जहां बहन उपवास रख कर अपने भाई की आरती उतारने के बाद भाई का मुंह मीठा कर अपना उपवास खत्म करती है. उधर, भाई छोटी बहन के लिए वस्त्र एवं मिठाई व नाना नवेद भेंट कर उन्हें आशीर्वाद देते हैं. वहीं बड़ी बहन छोटे भाई का मुंह मीठा कर वस्त्र आदि उपहार देकर उन्हें आशीर्वाद देती है. इधर, भैया दूज को लेकर बाजार में खास कर मिठाई एवं कपड़े की दुकानों में काफी भीड़ देखी गयी. जहां बहन के घर जाने की जल्दबाजी में भाई द्वारा मिठाई व वस्त्र आदि खरीद कर अपने गंतव्य स्थान के लिए रवाना होते गये. पोठिया प्रतिनिधि के अनुसार भाई बहन के पवित्र स्नेह के मजबूत रिश्ते को और अधिक मजबूती प्रदान करने वाला पर्व भैया दूज को ले महिलाएं सुबह से ही रंगोली बनान में व्यस्त दिखी. भैया दूज के मौके पर बहनों द्वारा भाइयों को बजरी खिलाया गया. मान्यता है कि बजरी खाने पर भाइयों का शरीर बज्र की भांति होता है. इस पर्व को लेकर प्रखंड क्षेत्र के कपड़ा एवं मिष्ठान की दुकानों में लंबी कतारें देखी गयी. दिघलबैंक प्रतिनिधि के अनुसार, हमारी संस्कृति विभिन्न परंपराओं व त्योहारों से परिपूर्ण है. तभी तो द्वापर युग से चल आ रही सदियों पुरानी परंपरा और भाई बहन के अटूट प्रेम व बंधन का महापर्व भैया दूज की महत्ता आज भी कम नहीं हुई है. शुक्रवार को भैया दूज के अवसर पर बहनों ने अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगा उनकी लंबे आयु की कामना ईश्वर से की तथा मिठाई व बजरी खिला कर आरती उतारी. कहीं कई स्थानों पर अन्नकुट पूजा का भी आयोजन किया गया. भैया दूज पर कई बहनों ने भाईयों की आयु वृद्धि और अपने सौभाग्य की वृद्धि के लिए व्रत भी रखा. मान्यता है कि जो भाई इस दिन बहनों के हाथ का भोजन करता है और टीका लगवाता है उसे धन, बल, यश, अर्थ और शक्ति की प्राप्ति होती है.ठाकुरगंज प्रतिनिधि के अनुसार, भैया को गाली देनेवाले जीभ में कांटे चुभे और भैया को मिले लंबी उमरिया. भाई की सलामती व मंगल कामना को लेकर शुक्रवार को बहनों ने भैया दूज की पूजा की.

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