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फाईल-14,अररिया की खबरें. कांग्रेस के चुनावी सभा स्थल को लेकर विवाद, चुनाव आयोग तक गयी शिकायतभूमि दाता के परिजनों ने लगाया प्रशासन को गुमराह कर अनुमति लेने का आरोपप्रतिनिधि, अररियाशहर के जीरो माइल स्थित अल शम्स मिल्लिया कॉलेज परिसर में बीते बुधवार को कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में आयोजित चुनावी सभा के स्थल को लेकर […]

फाईल-14,अररिया की खबरें. कांग्रेस के चुनावी सभा स्थल को लेकर विवाद, चुनाव आयोग तक गयी शिकायतभूमि दाता के परिजनों ने लगाया प्रशासन को गुमराह कर अनुमति लेने का आरोपप्रतिनिधि, अररियाशहर के जीरो माइल स्थित अल शम्स मिल्लिया कॉलेज परिसर में बीते बुधवार को कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में आयोजित चुनावी सभा के स्थल को लेकर विवाद पैदा हो गया है. जहां चुनावी सभा के दौरान दो पक्षों के बीच देर तक तू तू मैं मैं हुई थी. वहीं अब कॉलेज के भूमिदाता के परिजनों ने कांग्रेस प्रत्याशी व उसके सहयोगियों पर चुनावी नियम कानून के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से समुचित कार्रवाई की मांग की है. शिकायतकर्ता का आरोप हे कि प्रशासन को अंधेरे में रख कर चुनावी सभा के लिए अनुमति ली गयी थी. मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को मिल्लिया कॉलेज में अररिया विधान सभा के कांग्रेस प्रत्याशी आबिदुर्रहमान के पक्ष में हुई चुनावी सभा को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद सहित अन्य नेताओं ने भाग लिया था. बताया जाता है कि सभा के शुरू होते ही कुछ लोग वहां पहुंच कर सभा स्थल को लेकर आपत्ति जताने लगे थे. मामले को लेकर काफी देर तक कहा सुनी होने की खबर है. बताया जाता है कि कुछ लोगों के हस्तक्षेप के बाद चुनावी सभा का आयोजन पूरा हो पाया. आपत्ति करने वालों में भूमिदाता के पुत्र अधिवक्ता महफूजुर्रहमान आदि शामिल थे.वहीं तीन दिन बाद भी ये मामला शांत होता नजर नहीं आता है, क्योंकि अधिवक्ता श्री रहमान के मुताबिक उन्होंने चुनाव आयोग को आवेदन भेज कर कांग्रेस प्रत्याशी व उनके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. आवेदन में कहा गया है कि मिल्लिया कॉलेज के अल्पसंख्यक संस्था है. प्रबंध समिति इसका संचालन करती है. पर कॉलेज के प्राचार्य ने प्रबंध समिति को जानकारी दिये बगैर गुपचुप तरीके से सभा स्थल के लिए अनापत्ति पत्र दे दिया. क्योंकि कांग्रेस प्रत्याशी उनके बहनोई हैं. आवेदक का ये भी कहना है कि उनके छोटे भाई व कॉलेज के आजीवन सदस्य सह ट्रस्टी मंजूर आलम ने जानकारी मिलने पर प्राचार्य को सभा करने के लिए मना किया था, पर वे नहीं माने. वहीं जब सभा के दिन शिकायतकर्ता ने वहां पहुंच कर आयोजकों से सभा करने को मना किया तो उनके साथ गाली गलौज व अभद्र व्यवहार किया गया. क्या कहते हैं प्राचार्य- इस मामले में आरोप के घेरे में आये प्राचार्य प्रो शम्स जावेद का कहना है कि उन्होंने प्राचार्य के हैसियत से अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया था. प्रबंध समिति द्वारा प्रस्ताव पारित करने का कोई नियम नहीं है. हाल ही में हुए विधान परिषद चुनाव सहित कई अन्य कार्यक्रमों के लिए भी वे अनापत्ति देते रहे हैं. कभी कोई विवाद नहीं हुआ.

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