बड़ी कोठी दुर्गा मंदिर आस्था का प्रतीक फोटो 13 केएसएन 12बड़ी कोठी मंदिर में मां का पाठ करते पुरोहित प्रतिनिधि, किशनगंजशहर के प्राचीनतम मंदिरों में शुमार बड़ी कोठी दुर्गा मंदिर का अपना वैभवशाली इतिहास रहा है. यही कारण है कि यह मंदिर शहर वासियों के लिए महज आस्था का केंद्र न होकर लोगों की भावनात्मक रिश्तों से भी जुड़ चुका है. वर्षों से ऐसी मान्यता चली आ रही है कि सच्ची श्रद्धा से मांगी गयी मुराद यहां की मां अवश्य पूरा करती है. इस मंदिर की स्थापना वर्ष 1903 में जगन्नाथ थिरानी ने की थी. कालांतर में वर्ष 2000 में मंदिर का जीर्णोद्धार कर इसे भव्य रूप प्रदान किया गया. अपने स्थापना काल से लेकर आज तक प्रयास पांडे के वंशज ही मंदिर में पुरोहित के पद पर विराजमान है. जबकि मां की भव्य प्रतिमा को जीवंत रूप देने वाले पश्चिम बंगाल के धर्मपुर निवासी जयपाल लगातार 35 वर्षों से बड़ी कोठी की प्रतिमा का निर्माण करते आ रहे है. बड़ी कोठी की वैभवता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि यहां पूजा के नाम पर चंदा एकत्रित नहीं किया जाता है. थिरानी ट्रस्ट के सहयोग से प्रतिवर्ष सारे खर्च किये जाते है. अपनी ख्याती के लिए मशहूर मां के दर्शन को दूर दराज के इलाकों से भारी संख्या में भक्त आते हैं.
बड़ी कोठी दुर्गा मंदिर आस्था का प्रतीक
बड़ी कोठी दुर्गा मंदिर आस्था का प्रतीक फोटो 13 केएसएन 12बड़ी कोठी मंदिर में मां का पाठ करते पुरोहित प्रतिनिधि, किशनगंजशहर के प्राचीनतम मंदिरों में शुमार बड़ी कोठी दुर्गा मंदिर का अपना वैभवशाली इतिहास रहा है. यही कारण है कि यह मंदिर शहर वासियों के लिए महज आस्था का केंद्र न होकर लोगों की भावनात्मक […]
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