अररिया: नेपाल-भारत की खुली सीमा है. जाली नोट के कारोबार में संलिप्त रहने वालों व राष्ट्र विरोधी तत्वों को चिह्न्ति करने, उसके गतिविधियों पर नजर रखने का निर्देश पूर्णिया प्रक्षेत्र के डीआइजी पारस नाथ ने शुक्रवार को पुलिस पदाधिकारियों को बैठक में दी. पारसनाथ बतौर डीआइजी पहली बार अररिया आये थे. मेजर महेश प्रसाद सिंह के नेतृत्व में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. फिर पुलिस अधीक्षक के कार्यालय कक्ष में जिले के सभी 24 थानाध्यक्षों, पुलिस निरीक्षकों के साथ समीक्षात्मक बैठक किया. बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए डीआइजी पारसनाथ ने कहा कि लंबित कांडों के निष्पादन में तेजी लाने वारंटियों की गिरफ्तारी के लिए सभी थानाध्यक्षों को तीन माह का समय दिया गया है. इन तीन माह में लंबित कांडों का निष्पादन करने का सख्त निर्देश दिया गया है. डीआइजी ने कहा कि दुष्कर्म के मामले जो आज सामने आ रहे हैं. उसमें रिश्तों का शर्मसार किया जा रहा है. ऐसे में समाज को जगना होगा. व्यक्ति को जगाना होगा. कानून तो अपना काम करती ही है. इस मसले को ले सोच बदलना समय की मांग है. डीआइजी ने उक्त क्षणों क ो याद किया. जब वे पुलिस अधीक्षक के तौर पर अररिया में थे, उस समय से अब व्यवस्था में सुधार हुआ है. आधारभूत संरचनाओं का विकास हुआ है. पुलिस बल में वृद्धि हुई है. बावजूद बहुतेरे मामलों का निदान लाठी-गोली से नहीं, मिल बैठ कर किया जा सकता है. डीआइजी ने इशारे में ही पुलिस-पब्लिक संबंधों की गांठ को मजबूती देने की बात कह डाली. डीआइजी पारसनाथ 27 दिसंबर 05 से एक जुलाई 06 तक अररिया के पुलिस कप्तान रह चुके हैं. मौके पुलिस अधीक्षक मो अख्तर हुसैन, एएसपी राजीव रंजन, डीएसपी फारबिसगंज राजकुमार साह मौजूद थे.
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राष्ट्र विरोधी तत्वों पर रखें नजर
अररिया: नेपाल-भारत की खुली सीमा है. जाली नोट के कारोबार में संलिप्त रहने वालों व राष्ट्र विरोधी तत्वों को चिह्न्ति करने, उसके गतिविधियों पर नजर रखने का निर्देश पूर्णिया प्रक्षेत्र के डीआइजी पारस नाथ ने शुक्रवार को पुलिस पदाधिकारियों को बैठक में दी. पारसनाथ बतौर डीआइजी पहली बार अररिया आये थे. मेजर महेश प्रसाद सिंह […]
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