अररिया: महिला के साथ यौन शोषण, मारपीट व मोबाइल से गंदा मैसेज भेजने को लेकर दर्ज मामले में पुलिस कार्रवाई पर आम तौर पर सवाल खड़े होते हैं. इस दौरान पीड़ित पक्ष के लोग परेशान रहते हैं, पर इसका असर पुलिस पर शायद नहीं पड़ता है. एक ओर नामजद खुलेआम घूमते हैं, वहीं पीड़िता भयभीत रहती है.
बहरहाल महिला अत्याचार जुल्म के प्रति अंकित कांडों में पुलिस कार्रवाई की शिथिलता बयां करती है कि पुलिस कितनी संवेदनहीन हो चुकी है. यह तो महज बानगी है. इस तरह के दर्जनों मामले पर्यवेक्षण टिप्पणी, अनुसंधानकर्ता की उदासीनता व अन्यान्य कारणों से पुलिस फाइलों में पड़े हुए हैं.
केस स्टडी-एक
शहर के आजाद नगर वार्ड संख्या 20 निवासी स्व मो सुलेमान की बेटी इन दिनों परेशान है. तलाक लेने के बाद भी कथित पति ने न सिर्फ उसके मोबाइल पर गंदा मैसेज भेजा, बल्कि पीड़िता के घर आ कर हंगामा किया. इस पर पीड़िता ने नगर थाना में कांड संख्या 164/15 दर्ज कराया. प्राथमिकी में मिर्जाभाग निवासी मो साजिद हुसैन को नामजद बनाया गया. वह पीड़िता का दूसरा पति था व पीड़िता से उसका तलाक हो चुका था. इस बाबत एएसपी राजीव रंजन ने अपने पर्यवेक्षण रिपोर्ट में अनुसंधानकर्ता को नामजद की गिरफ्तारी का निर्देश दिया, पर माह बाद भी नामजद खुलेआम घूम रहा है. पीड़िता परेशान है. मामले में पुलिस प्रशासन की संवेदनशीलता का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है.
केस स्टडी-दो
11 मई को नगर थाना कांड संख्या 219/15 दर्ज किया गया. इसमें गैयारी गांव के रागीव आलम ने पांच लोगों को नामजद किया है. प्राथमिकी के अनुसार सूचक रागीव की मां मनसूबा खातून अपने घायल पति को देखने अस्पताल आयी थी. पुत्र भी साथ था. घर वापस आने के दौरान नामजदों ने मां- बेटे के साथ मारपीट की. इसमें मां घायल हो गयी. सदर अस्पताल से उसे पटना रेफर किया. अर्थाभाव में पुन: अररिया लाया गया, जहां इलाज के दौरान मनसूबा खातून की मौत हो गयी. अनुसंधानकर्ता ने दर्ज मामले में धारा 302 भादवि जोड़ने का अनुरोध पत्र भेजा. इस मामले में भी नामजद खुलेआम घूम रहा है. मनसूबा खातून गुजर गयी, लेकिन पुलिस कार्रवाई ऐसी की नामजद आराम से हैं. वही अपनी मां के हत्यारे की गिरफ्तारी को लेकर पुत्र रागीव परेशान हैं. अनुसंधानकर्ता पर्यवेक्षण टिप्पणी नहीं मिलने की बात कहते हैं.
केस स्टडी-तीन
एक नाबालिग क ा आरोपी ने शादी का प्रलोभन देकर यौन शोषण किया. इससे वह गर्भवती हो गयी. मामला उजागर होने पर गांव में पंचायत हुई. धोखे से दवाई खिला कर पीड़िता का गर्भपात करा दिया गया. पीड़िता की हालत बिगड़ी, तो उसे अस्पताल लाया गया. अररिया व पूर्णिया में भी इलाज कराया. पीड़िता इतनी भयभीत हो गयी कि मां-बाप का घर छोड़ इन दिनों अपने मामा के घर पर रह रही है. इस बाबत 24 अप्रैल को रानीगंज थाना कांड संख्या 87/15 दर्ज कराया गया, जिसमें रानीगंज थाना क्षेत्र के डुमरिया खैर टोला के मो इकबाल को नामजद किया गया. प्राथमिकी को उन सबों को भी नामजद किया गया, जिन्होंने पंचायती कर भरोसा दिलाया था कि पीड़िता की शादी इकबाल से करा दी जायेगी. फिर धोखे से दवाई खिला गर्भपात कराया. इसके बाद आरोपी ने शादी से इनकार कर दिया. मामले में भी नामजदों के विरुद्ध अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.