इससे न्यायालय का काम प्रभावित रहा. इसको ले अररिया जिला मुख्यालय में भी लोग आम दिनों की अपेक्षा कम दिखे. समाहरणालय भवन के क्षतिग्रस्त होने के कारण न तो अधिकारी अपने कक्ष में बैठे दिखे और न ही कर्मचारी. यहां तक कि समाहरणालय भवन को अब बैठने लायक नहीं समझा जा रहा है. इसे अयोग्य घोषित किये जाने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजने की तैयारी की जा रही है. अधिकारी अपने लिये अन्य सुरक्षित भवन में जगह तलाशने में जुट गये हैं.
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दहशत के बाद माहौल हो रहा है धीरे-धीरे सामान्य
अररिया: भूकंप के लगातार झटकों को ले तीन दिनों से जारी भय व दहशत का माहौल मंगलवार को चौथे दिन धीरे-धीरे सामान्य होता दिखा. लोग अपने काम से सड़कों पर तो निकले ही, इसके साथ ही लोगों के अंदर भय भी कम होता दिखा. बाजारों में भी चहल-पहल दिखनी शुरू हो गयी. हालांकि पूर्व से […]
अररिया: भूकंप के लगातार झटकों को ले तीन दिनों से जारी भय व दहशत का माहौल मंगलवार को चौथे दिन धीरे-धीरे सामान्य होता दिखा. लोग अपने काम से सड़कों पर तो निकले ही, इसके साथ ही लोगों के अंदर भय भी कम होता दिखा. बाजारों में भी चहल-पहल दिखनी शुरू हो गयी. हालांकि पूर्व से घोषित छुट्टियों के कारण स्कूल बंद रहे. न्यायालय में भी अधिवक्ता अपने काम से अलग रहे.
भारत नेपाल सीमा पर स्थित जोगबनी शहर की स्थिति थोड़ी सामान्य होती दिखी. बाजार में भी हल्की रौनक दिखी. शनिवार से जोगबनी में फंसे मालवाहक वाहन अब नेपाल की ओर धीरे-धीरे रवाना होने लगे हैं. इधर जोगबनी में बनाये गये राहत शिविर में नेपाल के काठमांडू से बंगाली मजदूरों का एक जत्था आया था, जिसे प्रशासन ने गंतव्य स्थान पर भिजवाने की व्यवस्था की. राहत शिविर के निरीक्षण के लिए सरकार के विशेष सचिव के आने की सूचना है. प्रभारी मंत्री अररिया में कैंप किये हुए हैं. काठमांडू से विराटनगर के लिए विमान सेवा भी ठीक ढंग से अभी भी नहीं शुरू हो पायी है. इसके कारण भी लोगों को नेपाल से आने में परेशानी हो रही है. इधर मंगलवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी भी फारबिसगंज पहुंचे.
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