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बदहाली भरी जिंदगी जी रहे महादलित परिवार

2008 में बाढ़ से हुई तबाही के बाद भी नहीं मिली समुचित सहायताफोटो:-1-मूलभूत सुविधा से वंचित महादलित टोला प्रतिनिधि, नरपतगंजप्रखंड क्षेत्र सहित सुपौल के सीमावर्ती क्षेत्र में 2008 में आयी बाढ़ के सात साल बाद भी सैकड़ों महादलित परिवार बदहाली भरी जिंदगी जीने को विवश हैं. सात साल के बाद भी पीडि़तों के लिए सड़क […]

2008 में बाढ़ से हुई तबाही के बाद भी नहीं मिली समुचित सहायताफोटो:-1-मूलभूत सुविधा से वंचित महादलित टोला प्रतिनिधि, नरपतगंजप्रखंड क्षेत्र सहित सुपौल के सीमावर्ती क्षेत्र में 2008 में आयी बाढ़ के सात साल बाद भी सैकड़ों महादलित परिवार बदहाली भरी जिंदगी जीने को विवश हैं. सात साल के बाद भी पीडि़तों के लिए सड़क की व्यवस्था, विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र आदि का निर्माण बिहार सरकार या जनप्रतिनिधि द्वारा नहीं कराया गया है. मालूम हो कि 2008 में आयी भीषण बाढ़ के कारण हजारों लोग घरों में पानी घुसने से बेघर हो गये थे. इसमें नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र के मधुरा पश्चिम पंचायत, अचरा, पथराहा, सुपौल जिला के सीमावर्ती क्षेत्र भीमपुर वार्ड संख्या 10 के सैकड़ों घरों में पानी घुसने से जहां आधा दर्जन मवेशी की मौत सहित लाखों रुपये क ी क्षति हुई थी, वहीं ग्रामीण बेघर हो गये थे. इसके बाद सरकार ने बाढ़ पीडि़त को कई तरह की सहायता प्रदान करने की घोषणा की, पर वह कागजों पर ही रह गयी. सात साल बाद भी भीमपुर वार्ड संख्या 10 के सैकड़ों महादलित परिवार के आवागमन के लिए न तो सही रास्ता है और न ही बच्चों की पढ़ाई के लिए आंगनबाड़ी व विद्यालय. 2008 के बाढ़ के दौरान चारों ओर हुए कटान में पानी होने से घर से बाहर निकलना भी मुश्किल रहता है. महादलित कैलू ऋषिदेव, लखन ऋषिदेव, दीना ऋषिदेव, सोनाय ऋषिदेव, परमेश्वरी राम आदि ने बताया कि सात साल बाद भी सरकारी सहायता नहीं मिलने से अब भी बदहाली की जिंदगी जीने को विवश हैं. इस पर किसी जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं जाता है.

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