शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने डीएम व एसपी को पत्र देकर स्पष्ट निर्देश दिया है कि जिन शिक्षकों के द्वारा किसी विद्यालय या कार्यालय को जबरन बंद कराया जायेगा, बंद कराने की कोशिश की जायेगी या हिंसक गतिविधियां की जायेगी उसकी वीडियोग्राफी करा उनके विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई करें. यह भी निर्देश दिया गया है कि शिक्षकों द्वारा छात्र-छात्रओं के अध्यापन में अगर व्यवधान उत्पन्न किया जायेगा, तो उनके विरुद्ध नियोजन नियमावली के प्रावधान के अनुरूप संबंधित नियोजन इकाई भी विभागीय कार्रवाई करेगी. विभाग के इस निर्णय का अनुपालन करने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गयी है.
इसके अलावा विद्यालय में विधि व्यवस्था के समुचित संधारण का दायित्व जिले के डीएम व एसपी को सौंपा गया है. शिक्षा विभाग ने पहले ही निर्णय लिया है कि हड़ताल कर रहे शिक्षकों पर नो वर्क नो पे का नियम लागू रहेगा. हड़ताल के दौरान शिक्षकों को मानदेय का भुगतान भी नहीं हो पायेगा. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने अपने पत्र में जिक्र किया है कि विद्यालय में तालाबंदी के कारण बच्चों के मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा के अधिकार से वंचित होना पड़ रहा है.
तालाबंदी के कारण मध्याह्न् भोजन योजना बाधित हो रही है. इससे सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना की स्थिति उत्पन्न होगी. डीइओ सत्येंद्र प्रसाद सिंह ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के पत्र के आलोक में सभी नियोजित इकाई सहित डीपीओ-बीइओ सहित सभी शिक्षक संघ को सूचना दे दी है. बीइओ को निर्देश दिया गया है कि विद्यालय में तालाबंदी के प्रभाव से संबंधित दैनिक प्रतिवेदन शाम चार बजे तक शिक्षा कार्यालय को उपलब्ध करा दें, ताकि इसकी सूचना डीएम, प्राथमिक शिक्षा निदेशक को उसी दिन भेजी जा सके.