अररिया: जिले के नौनिहालों की सेहत से संबंधित एक अच्छी खबर ये है कि अब हेपेटाइटिस बी, टिटनस, काली खांसी व निमोनिया जैसे रोगों से बचाव के लिए बच्चों को तरह-तरह के टीके लगवाने से निजात मिलने वाली है़ क्योंकि ऐसे पांच जानलेवा रोगों से बचाव के लिए अब केवल एक ही तरह का टीका लगाया जायेगा़ अपनी इसी विशेषता के कारण ये टीका पेंटावेलेंट कहलाता है़. ऐसी जानकारी सोमवार को आयोजित वर्कशाप में सिविल सर्जन डॉ बीके ठाकुर ने दी़ सीएस कार्यालय में हुए वर्कशाप का आयोजन यूनिसेफ की जिला इकाई की ओर से किया गया था़
सात जनवरी से लांच होने वाले पेंटावेलेंट टीकाकरण कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया गया कि नियमित टीकाकरण के दौरान पूर्व से ही डीपीटी व हेपेटाइटिस बी का टीका दिया जा रहा है, पर अब इसमें हिब रोग के टीका को भी शामिल किया गया है़ नयी प्रणाली के तहत दिये जाने वाले पेंटावेलेंट टीका से गलाघोंटु, काली खांसी, टिटनस, हेपेटाइटिस बी के साथ निमोनिया, मेनिनजाइटिस व सेप्टिसेमिया जैसे रोगों से बचाव भी करेगा़ बताया गया कि पेंटावैलेंट टीका का पहला डोज बच्चे के जन्म के छह सप्ताह पर लगाया जायेगा, जबकि दूसरा टीका 10 व तीसरा टीका 14वां सप्ताह पूरा होने पर दिया जायेगा़ एक अनुमान के मुताबिक जिले में लगभग एक लाख बच्चों को यह टीका लगाया जायेगा़ सीएस डॉ ठाकुर व एसीएमओ डॉ एके सिंह ने बताया पेंटावैलेंट टीका के साथ-साथ संस्थागत प्रसव के दौरान पूर्व की भांति ही नवजात को 24 घंटे के भीतर हेपेटाइटिस बी की खुराक दी जायेगी. साथ ही 16 से 24 माह व पांच से छह वर्ष की उम्र पर डीपीटी का बूस्टर टीका भी पड़ता रहेगा़
बताया गया कि पेंटावैलेंट का टीका भी जिला अस्पताल, पीएचसी, आंगनबाड़ी केंद्रों व स्वास्थ्य उपकेंद्रों सहित नियमित टीकाकरण के सभी चयनित स्थलों पर दिया जायेगा़ इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ जेएन माथुर, डीपीएम रेहान अशरफ, डब्लूएचओ के एसएमओ डॉ देवांग, डॉ अमित, आइसीडीएस के डीपीओ डॉ कारी महतो, यूनीसेफ के एसएमसी मुश्ताक आजम, माहमारी रोग विशेषज्ञ अरुणोंदु झा व परिमल झा आदि भी मौजूद थ़े.