पूर्णिया: पूर्णिया में सोमवार को नरेंद्र मोदी ने बिहार और बिहारियों का गुणगान किया. बिहार की तरक्की और विकास के लिए विशेष पैकेज, विशेष दर्जा, विशेष तवज्जो देने की बात कही. प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित होने के बाद बिहार में यह उनकी तीसरी रैली थी. रंगभूमि मैदान में अपने 55 मिनट के संबोधन में श्री मोदी ने केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने गांधी मैदान का सीरियल ब्लास्ट, कोसी का जल प्रलय से लेकर बिहार के विकास के दावे और नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद पर भी तीर चलाये. सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की बात कर उन्होंने अल्पसंख्यकों को भी रिझाने का प्रयास किया.
गुजरात से की बिहार की तुलना : श्री मोदी ने अपने संबोधन में आंकड़े और तथ्य रखते हुए बिहार की देश और गुजरात से तुलना की. उन्होंने कहा कि बिहार में 1900 स्कूल कागज पर चलते हैं. अकेले सिर्फ पटना में 90 स्कूल कागज पर हैं.
अल्पसंख्यकों को रिझाया : अल्पसंख्यक मतदाताओं को रिझाते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र और बिहार की सरकार सिर्फ मुसलमानों के नाम पर राजनीति कर रही है. उनका सच्च हिमायती होने का ढोंग करती है. सच्चर कमेटी की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने कहा कि बिहार में 37 फीसदी शहरी मुसलमान गरीब हैं, जबकि गुजरात में 24 फीसदी. इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में 38 फीसदी बिहार के मुसलमान गरीब हैं, तो गुजरात में 7 फीसदी. बिहार में शहरी क्षेत्र में औसतन एक अल्पसंख्यक 550 रुपये प्रतिमाह खर्च करता है, तो गुजरात में 875 रुपये. गुजरात में साक्षरता दर अल्पसंख्यकों में 74 फीसदी है, तो बिहार में 42 फीसदी. गुजरात में अल्पसंख्यकों में नवजात मृत्यु दर गुजरात में 1000 में 34 है, तो गुजरात में 71. सबसे बुरा हाल तो आइसीडीएस का है. बिहार में दो फीसदी मुसलिम ही इससे लाभान्वित हैं, तो गुजरात में 32 फीसदी.
बिहार पर फोकस : श्री मोदी ने अपने पूरे संबोधन में बिहार और बिहारी पर फोकस रखा. कहा कि बिहार में प्रतिभा की कमी नहीं है. जल की कमी नहीं है. लोगों की नेकनीयती में कमी नहीं है. उन्होंने इस पर आश्चर्य जताया कि बिहार में जल का इतना बड़ा भंडार होने के बावजूद हर साल चार सौ करोड़ की मछली यहां आंध्रप्रदेश से आती है. बिहार के पशुपालकों को दूध की उचित कीमत नहीं मिल पाती है.
मैथिली में किया अभिवादन : मोदी ने मैथिली में लोगों का अभिवादन किया. उन्होंने कहा : अपने लोग के नमस्कार. अपने आइ एते संख्या में आयल छी. हमर मोन गदगद भ गेल. अहां सबके सामने आबिके हम अपना के बहुत सौभाग्य समङौ छी. उन्होंने विकास, प्रगति, आत्मीयता, भाईचारा और सद्भावना की बात की तथा इस क्षेत्र के देवी-देवताओं से लेकर महापुरुषों तक को याद किया. भाषण का अंत उन्होंने भारत माता की जय से की.
सभा को पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विधायक दल के नेता नंदकिशोर यादव, प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ सीपी ठाकुर, राष्ट्रीय महामंत्री राजीव प्रताप रूढ़ी, राष्ट्रीय मंत्री रामेश्वर चौरसिया, राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन, लोजपा के रामचंद्र पासवान, सांसद उदय सिंह, निखिल चौधरी, प्रदीप सिंह, कीर्ति आजाद, अनुशासन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष राधामोहन सिंह, पूर्व अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह, पूर्व मंत्री गिरिराज सिंह, अश्विनी चौबे, प्रेम कुमार, जनार्दन सिंह सिग्रीवाल आदि ने संबोधित किया. धन्यवाद ज्ञापन विधान परिषद सदस्य डॉ दिलीप जायसवाल ने किया जबकि मंच संचालन मृत्युंजय झा ने किया.
राजनीति की तीन धारा
श्री मोदी ने कहा कि इस समय देश की राजनीति में तीन धारा बह रही है. एक गंठबंधन की, दूसरा भ्रष्ट बंधन की और तीसरा लठबंधन की. लोकतंत्र गंठबंधन से चलता है. जहां-जहां नेतृत्व बीजेपी का रहा है, उस गंठबंधन को कभी संकट नहीं आया.
थर्ड फ्रंट में एक दर्जन पीएम
मोदी ने तीसरे मोरचे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उसमें एक दर्जन से ज्यादा लोग प्रधानमंत्री बनने के लिए कपड़े सिला कर बैठे हुए हैं. जब कोसी में बाढ़ आयी थी और उत्तर प्रदेश में एक साल में डेढ़ सौ दंगे हुए ऐसे समय में ये तीसरे मोरचे वाले कहां थे?
केंद्र पेश करे रिपोर्ट
केंद्र की यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए श्री मोदी ने कहा कि शहजादे पूरे देश में घूम रहे हैं, और यह बता रहे हैं कि आइटी के क्षेत्र में उन्होंने कमाल कर दिया लेकिन मैं तो चुनौती देता हूं कि वह दस साल का रिपोर्ट कार्ड पेश करें तो असलियत सामने आ जायेगी. मध्याह्न् भोजन की वजह से बिहार में निदरेष बच्चों की मौत हुई तो केंद्र ने कमेटी बनायी लेकिन एक साल में एक भी बैठक नहीं हुई. कंप्यूटर की बात करनेवाली केंद्र की यूपीए सरकार के दावे की सच्चई यही है कि कांग्रेस शासित राज्यों में स्कूलों में कंप्यूटर की स्थिति नगण्य है, जबकि गुजरात में यह 71 फीसदी है.
टूट का कारण सपना
अपने पूरे संबोधन में उन्होंने राहुल गांधी और नीतीश कुमार को निशाने पर रखा लेकिन एक बार भी दोनों नेता का नाम नहीं लिया. एक को शहजादे और एक को अहंकारी से संबोधित किया. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि जब बिहार में जदयू भाजपा से अलग हुआ, तो मैंने जानने का प्रयास किया कि अच्छा-भला गंठबंधन क्यों खत्म हुआ? मेरे मन में तरह-तरह के विचार आते थे, लेकिन अब यह जान गया कि यह प्रधानमंत्री पद का सपना गंठबंधन में दरार का कारण बना. उनका इशारा नीतीश कुमार की ओर था.
भाजपाइ कभी सांप्रदायिक नहीं हो सकते : शाहनवाज हुसैन
भाजपा के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि नमो और भाजपा का जितना भी दुष्प्रचार किया जा रहा है, उतना ही अकलियत का नमो से प्रेम बढ़ता जा रहा है. उन्होंने कहा कि अब तक जितनी भी पार्टियां आयीं, सबने अकलियतों को ठगने का काम किया है. अब कोई ठगी नहीं होने दी जायेगी. उन्होंने कहा कि अकलियतों को समझ में आ गया है कि कौन सी पार्टी उनका हित चाहती है. उन्होंने अकलियतों से आह्वान करते हुए कहा कि भाजपा को सांप्रदायिक बता कर डराया जा रहा है. इससे डरने या किसी वहम में पड़ने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि भाजपा कभी सांप्रदायिक हो ही नहीं सकती.
नीतीश आतंकियों के सरदार : अश्विनी चौबे
पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में अपने संबोधन में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व भागलपुर के विधायक अश्विनी चौबे ने बोध गया बम ब्लास्ट का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आतंकियों का सरदार करार दिया. उन्होंने कहा कि देश में बांग्लादेश से घुसपैठ बढ़ गया है. केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे तो इस घुसपैठ पर पूरी तरह से अंकु श लगेगा.
हिम्मत है, तो चुनाव में आयें : गिरिराज
पूर्व सहकारिता मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार सरकार के वजीर-ए-आला जनाब नीतीश कुमार को ललकारते हुए कहा कि यदि उनको हिम्मत है तो चुनाव में आकर देख लें. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने पांच दिन पूर्व भाजपा से अलग होने की पीड़ा कह दी है. उनकी मंशा अब साफ हो चुकी है. प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा रखने वाला नीतीश कुमार की सब पोल खुल गयी है. वे कल तक अपने को छोटी पार्टी का सीएम बता रहे थे. मगर पांच दिन पूर्व जो उन्होंने सार्वजनिक किया इससे लगता है कि नीतीश गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं. श्री गिरिराज ने कहा कि नमो के आगे कोई नहीं है. देश के युवा नमो को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं. गिरिराज ने केंद्र सरकार को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार में महंगाई ने आम लोगों की कमर तोड़ दी है. जब अटल सरकार थी तो डीजल 22 रुपये और अभी 60 रुपये हो गयी है. पेट्रोल भी 30 रुपये से बढ़ कर 80 रुपये हो गयी. आम लोगों के हित में सत्ता परिवर्तन जरूरी है.