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बगहा के जंगलों में सेटेलाइट फोन का कौन कर रहा उपयोग?

बेतिया/ मुजफ्फरपुर : बगहा के जंगलों में सेटेलाइट फोन का इस्तेमाल किये जाने की बात सामने आने पर खुफिया एजेंसियों सहित एसएसबी, सीआरपीएफ व पुलिस की बेचैनी बढ़ गयी है. यह बात मंगलवार को एसएसबी कार्यालय में आयोजित एलआइए की बैठक में उठी. बैठक एसएसबी के डीआइजी संजय सिंह के नेतृत्व में आयोजित की गयी […]

बेतिया/ मुजफ्फरपुर : बगहा के जंगलों में सेटेलाइट फोन का इस्तेमाल किये जाने की बात सामने आने पर खुफिया एजेंसियों सहित एसएसबी, सीआरपीएफ व पुलिस की बेचैनी बढ़ गयी है. यह बात मंगलवार को एसएसबी कार्यालय में आयोजित एलआइए की बैठक में उठी.

बैठक एसएसबी के डीआइजी संजय सिंह के नेतृत्व में आयोजित की गयी थी. बैठक में जब आर्मी के अधिकारियों ने बगहा जंगल में सेटेलाइट फोन का उपयोग करने की बात रखी तो बैठक में उपस्थित अधिकारियों व खुफिया एजेंसियों की बेचैनी बढ़ गयी.
सवाल उठा कि नक्सली इसका उपयोग कर रहे हैं या फिर नेपाल की सीमा का लाभ उठा कर पाकिस्तानी आतंकवादी जंगल से भारत में घुसने का रास्ता तलाश रहे हैं.
इससे पहले भी इन जंगलों में सेटेलाइट फोन का उपयोग करने की बात आयी थी. उस समय नक्सलियों द्वारा इसके इस्तेमाल किये जाने की आशंका जाहिर की गयी थी. बैठक में इंटेलीजेंस के अधिकारियों को इसका पता लगाने के लिए टास्क दिया गया.
बताया गया कि बगहा, गोवर्धना व रामनगर के जंगलों में इसका उपयोग हो रहा है.सेटेलाइट फोन सेना व अधिकारियों को ही उपलब्ध कराया जाता है, ताकि जिस क्षेत्र में सामान्य फोन काम नहीं करे, उस इलाके में सेटेलाइट फोन के माध्यम से संचार संभव हो सके.
हालांकि जंगल में सेटेलाइट फोन का उपयोग कौन कर रहा है? कहां से यह उपलब्ध हुआ? किसी विदेशी एजेंसी ने आतंकियों व नक्सलियों को तो यह फोन उपलब्ध नहीं कराया?
इन बातों पर गहन मंत्रणा की गयी. कस्टम के अधिकारियों ने बॉर्डर से आने वाले तस्करी के सामानों को लेकर भी चर्चा की और जानकारी को आपस में शेयर किया. औराई क्षेत्र के भरथुआ गांव के एक बड़े तस्कर द्वारा मादक द्रव्य लाये जाने की भी बैठक में चर्चा हुई.एसएसबी के डीआइजी संजय सिंह ने बताया कि सेटेलाइट के उपयोग की अफवाह है. जब तक सटीक प्रमाण नहीं मिलता, तब तक इस संबंध में कुछ कहा नहीं जा सकता. वैसे इंटेलीजेंस व एसएसबी के जवान सजग हैं. जंगल से जुड़े गांव के लोगों से भी लगातार संपर्क में हैं. हर चीज पर पैनी नजर रखी जा रही है.

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