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एफसीआइ ने एसएफसी के 1.76 करोड़ रोके
छपरा (सदर). भारतीय खाद्य निगम के छपरा क्षेत्रीय कार्यालय ने राज्य खाद्य निगम के 1.76 करोड़ रुपये का भुगतान रोक दिया है. जानकारी के अनुसार, पिछले मार्च-2013 के अंतिम सप्ताह में एफसीआइ के गोदाम से 621 मीटरिक टन चावल की गलत ढंग से रिसाइकलिंग के मामले को निगरानी व सीबीआइ के सौंपा गया है. इस […]
छपरा (सदर).
भारतीय खाद्य निगम के छपरा क्षेत्रीय कार्यालय ने राज्य खाद्य निगम के 1.76 करोड़ रुपये का भुगतान रोक दिया है. जानकारी के अनुसार, पिछले मार्च-2013 के अंतिम सप्ताह में एफसीआइ के गोदाम से 621 मीटरिक टन चावल की गलत ढंग से रिसाइकलिंग के मामले को निगरानी व सीबीआइ के सौंपा गया है. इस कारण एफसीआइ ने 1.76 करोड़ का भुगतान रोक दिया है. हालांकि, रुपये के लिए एसएफसी के जिला प्रबंधक राम वकील पांडेय ने दो-तीन बार एफसीआइ के क्षेत्रीय प्रबंधक को पत्र लिखा है. लेकिन, आवश्यक कागजात के साथ चावल की आपूर्ति नहीं करने के कारण रुपये का भुगतान भारतीय खाद्य निगम नहीं कर रहा है. किसानों से खरीदे गये धान की मिलिंग के बाद एसएफसी एक्सेप्टेंश नोट, ट्रक चलान, पेमेंट वाउचर समेत कई कागजात एफसीआइ को सौंपने होते हैं. लेकिन, 6210 क्विंटल चावल की रिसाइकलिंग हुई. पर, इसके कोई कागजात एफसीआइ को नहीं मिले हैं. निगरानी इन कागजात को खोज रही है. एफसीआइ की निर्धारित दर के अनुसार, इस चावल की कीमत एक करोड़ 17 लाख रुपये से बताया जा रहा है. इस मामले के भंडाफोड़ करनेवाले कर्मी को एफसीआइ ने सम्मानित किया. वहीं, तत्कालीन क्षेत्र प्रबंधक समेत चार कर्मियों को निलंबित कर कार्रवाई शुरू की गयी. अब मामला सीबीआइ के पास है.
एसएफसी के जिला प्रबंधक श्री पांडेय ने कहा कि एफसीआइ को बार-बार पत्रचार कर सीएमआर की राशि मांगी जा रही है. लेकिन, विभागीय निगरानी जांच का हवाला देकर रुपये का भुगतान नहीं किया जा रहा है. एफसीआइ के क्षेत्र प्रबंधक सुरेश लकड़ा ने कहा, एसएफसी ने वैध कागजात एफसीआइ को नहीं दिये हैं. वहीं, 6210 क्विंटल चावल की रिसाइकलिंग एक साजिश के तहत किये जाने का मामला विभागीय निगरानी व सीबीआइ के पास लंबित है. ऐसी स्थिति में भुगतान कैसे किया जायेगा.
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