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सीवान के सात फर्जी डॉक्टरों पर होगा केस

सीवान . एक दिन पहले असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के पत्रंक के आदेश पर सदर अस्पताल के 50 से 200 गज की दूरी पर चलनेवाले क्लिनिकों की जांच की गयी, जिसमें सात क्लिनिक ऐसे मिले, जिनके पास न तो लाइसेंस था और न ही चलानेवाले चिकित्सक के पास डिग्री. जांच अधिकारी ने […]

सीवान . एक दिन पहले असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के पत्रंक के आदेश पर सदर अस्पताल के 50 से 200 गज की दूरी पर चलनेवाले क्लिनिकों की जांच की गयी, जिसमें सात क्लिनिक ऐसे मिले, जिनके पास न तो लाइसेंस था और न ही चलानेवाले चिकित्सक के पास डिग्री. जांच अधिकारी ने इन क्लिनिकों को सील कर दिया और एफआइआर दर्ज करने के लिए पुलिस को आवेदन दिया.

विभागीय सूत्रों की मानें तो क्लिनिक पर बैठने वाले सभी चिकित्सक पहले कंपाउंडर थे. इस संबंध में टाउन इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने बताया कि आवेदन मिला है. प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है. मालूम हो कि जिला मुख्यालय में फर्जी चिकित्सकों की बाढ़-सी आ गयी थी, जिसे देखते हुए असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के पत्रंक 2089 दिनांक 22. 11. 2013 के आदेश के तहत अभियान चला कर जिला मुख्यालय में अवैध ढंग से चिकित्सकीय कार्य करनेवालों पर कार्रवाई करने का फरमान जारी किया था. यह जिम्मेदारी अनुमंडलीय अस्पताल महाराजगंज के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ शैलेंद्र कुमार राठौर को दी गयी. जांच के दौरान एक सप्ताह पहले उन्होंने करीब दो दर्जन से अधिक चिकित्सकों को चिह्न्ति किया था, जिसमें आधा दर्जन के कागजात सही थे. इसके बाद डॉ राठौर ने क्लिनिक चलानेवाले इन चिकित्सकों को दो बार नोटिस भेज कर आगाह किया, लेकिन उन्होंने अपना गोरखधंधा बदस्तूर जारी रखा. इसको लेकर डॉ राठौर ने सदर अस्पताल के ईद-गिर्द यानी 50 से 200 गज की दूरी पर स्थित क्लिनिकों पर कार्रवाई प्रारंभ कर दी.

जांच अधिकारी डॉ शैलेंद्र कुमार राठौर ने बताया कि फर्जी चिकित्सकों का जांच प्रतिवेदन वरीय अधिकारियों को प्रेषित किया जा चुका है. जिला मुख्यालय में जांच के दौरान सात चिकित्सकों को फर्जी क्लिनिक चलाते पाया गया था. आवेदन एफआइआर दर्ज कराने के लिए पुलिस को दे दिया गया है. मिले फर्जी चिकित्सकों ने किसी भी प्रकार का दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया है, जबकि इसके लिए उन्हें पर्याप्त समय भी दिया गया था.

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