पटना: सूबे के लगभग डेढ़ करोड़ से अधिक स्कूली बच्चों को जन्म प्रमाणपत्र तीन दिसंबर से दिया जायेगा. सभी सरकारी प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में तीन से 31 दिसंबर तक कैंप लगा कर जन्म प्रमाणपत्र मिलेगा. यह योजना दो वर्ष पहले बनी थी. जन्म निबंधन कार्य पूरा करने के लिए लगभग 20 करोड़ रुपये का प्रावधान है. जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य कई क्षेत्रों में सुविधा मिलेगी.
स्कूली बच्चों को कैसे मिलेगा जन्म प्रमाणपत्र: प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में वैसे सभी बच्चों को कैंप लगा कर जन्म प्रमाणपत्र तुरंत उपलब्ध कराना है, जिनका प्रमाणपत्र नहीं बना है. प्रखंड विकास पदाधिकारी की अनुमति के बाद पंचायत से जुड़े सभी सरकारी स्कूलों के बच्चों को पंचायत सचिव (उपनिबंधन जन्म व मृत्यु) के हस्ताक्षर से जन्म प्रमाणपत्र मिल जायेगा.
योजना व विकास विभाग के अर्थ व सांख्यिकी निदेशालय द्वारा चिह्न्ति कर्मी स्कूल रजिस्टर से बच्चों का जन्म तिथि अपने रजिस्टर में अंकित करेंगे. बच्चों के अभिभावक से जन्म स्थान की जानकारी ली जायेगी. अभिभावक के आवेदन के आधार पर स्कूल रजिस्टर में अंकित जन्म तिथि में सुधार भी किया जायेगा.
प्रमाणपत्र की उपयोगिता
स्कूलों में नामांकन के समय
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में
पासपोर्ट बनवाने में
सेवानिवृत्ति लाभ लेने के लिए
बीमा कराने व लाभ पाने के समय कागजात प्रस्तुति में
न्यायालय या अन्य स्थानों पर व्यक्तिगत दावा में
उम्र संबंधी किसी भी प्रकार की विवाद की स्थिति में
राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में 14 वर्ष तक के डेढ़ करोड़ से अधिक बच्चों को जन्म प्रमाणपत्र उपलब्ध कराना है. इसके लिए तीन से 31 दिसंबर तक स्कूलों में अभियान चलेगा. स्कूल रजिस्टर के आधार पर जन्म प्रमाणपत्र बनेगा. ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश बच्चों के पास जन्म प्रमाणपत्र नहीं होने से परेशानी होती है. इसे देखते हुए इस प्रकार की योजना बनायी गयी कि बच्चों को जन्म प्रमाणपत्र दे दिया जायेगा.
अवध किशोर सिन्हा, राज्य के मुख्य रजिस्ट्रार जन्म व मृत्यु