पटना: पटना जिले के फतुहा प्रखंड के अलावलपुर गांव के राजेंद्र दास को जून के बाद का राशन नहीं मिला है. राजेंद्र दास जैसे लाखों परिवारों को पिछले दो माह से राशन नहीं मिल सका है. राज्य के 1.37 करोड़ गरीबों की दुर्गापूजा राशन के बगैर मनेगी. जनवितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों से अधिकतर जिलों में सितंबर का भी राशन नहीं बंटा है. कई जिलों में तो जुलाई व अगस्त का भी राशन पूरा नहीं बंट सका है.
तीन वर्षो से गरीबों के मुंह से मिठास भी छिन गयी है. 2010 से पीडीएस से गरीबों को सस्ती दर पर चीनी नहीं मिल रही. पीडीएस दुकानदारों से एक माह पूर्व राशन की कीमत एसएफसी में जमा करा लिया जाता है.
खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण विभाग की ओर से साल भर का राशन आवंटित कर दिया जाता है. अधिकारियों की लालफीताशाही के कारण समय पर पीडीएस दुकानदारों को राशन उपलब्ध नहीं होता है. भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) व राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) के अधिकारियों की लापरवाही के कारण समय पर गरीबों को अनाज नहीं मिल पाता है.
इससे उन्हें परेशानी का समाना करना पड़ता है. राशन वितरण में गड़बड़ी के आरोप में पीडीएस दुकान रद्द कर अधिकारियों को निलंबित किया जाता है. अब तक राज्य में 863 पीडीएस दुकानों के लाइसेंस रद्द किये गये हैं. 249 अधिकारियों व पीडीएस दुकानदारों पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. 149 की गिरफ्तारी भी हुई है.