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कागज पर ही बन गया पुल

* लोकमानपुर से ढोढ़िया घाट तक ।। ऋषव मिश्र कृष्णा ।। नवगछिया : बिहपुर विधानसभा के खरीक प्रखंड के लोकमानपुर से ढोढ़िया घाट तक कागज पर ही पुल बना दिया गया. सरकार के कोर नेटवर्क मैप में कोसी नदी पर रेड लाइन खींच कर पुल दिखाया गया है. इतना ही नहीं इसी आधार पर खरीक […]

* लोकमानपुर से ढोढ़िया घाट तक

।। ऋषव मिश्र कृष्णा ।।

नवगछिया : बिहपुर विधानसभा के खरीक प्रखंड के लोकमानपुर से ढोढ़िया घाट तक कागज पर ही पुल बना दिया गया. सरकार के कोर नेटवर्क मैप में कोसी नदी पर रेड लाइन खींच कर पुल दिखाया गया है.

इतना ही नहीं इसी आधार पर खरीक एनएच 31 से लेकर लोकमानपुर के सिंहकुंड तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत एक सड़क भी स्वीकृत कर दी गयी है. जबकि ढ़ोढ़िया और सिंहकुंड घाट के बीच कोसी नदी है. इस सड़क की कुल लंबाई 8.991 किमी है. इसका पैकेज नंबर बीआर 06 आर 95 है.

इतना ही नहीं इस सड़क के टेंडर की प्रक्रिया भी पिछले दिनों पूरी कर ली गयी है. अब यह सड़क बनने वाली थी. सड़क की लंबाई बिना कोसी नदी के क्षेत्र को जोड़े पूरा नहीं होता है. इससे स्पष्ट है कि कहीं कहीं गड़बड़ी करने की नीयत से इस सड़क का प्राक्कलन बनाया गया. इसी वजह से कागज पर पुल बना दिखा दिया गया हो.

* ऐसे हुआ मामले का खुलासा

यह मामला तब खुला जब बिहपुर विधानसभा के विधायक कुमार शैलेंद्र ने लोकमानपुर को विजय घाट पुल से जोड़ने का मुद्दा विधानसभा के गैरसरकारी संकल्प के दौरान उठाया. सरकार की ओर से मंत्री भीम सिंह का जवाब आया कि खरीक एनएच 31 से सिंहकुंड तक जोड़ने वाली सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बन रही है. इस सड़क से लोकमानपुर प्रखंड मुख्यालय और अनुमंडल मुख्यालय से पूरी तरह से जुड़ जायेगा. इस पर विधायक ने जवाब दिया कि बीच में कोसी नदी पर बिना पुल के सड़क बनाना कैसे संभव है.

जब छानबीन की गयी तो कोर नेटवर्क में पाया गया कोसी नदी पर एक पुल इंगित किया गया है. इसी आधार पर सड़क का प्राक्कलन और लंबाई का निर्धारण किया गया है. इस मामले को सरकार ने गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच कराने के लिए एक विशेष बैठक बुलाने की बात कही. इसमें विभाग के मंत्री समेत प्रधान सचिव और अन्य पदाधिकारियों की उपस्थिति रहेगी.

* कहीं कहीं तो जरूर है गड़बड़झाला

कोसी नदी पर लोकमानपुर घाट से ढोढ़िया घाट तक पुल होने की बात पर स्थानीय लोग तरहतरह के कयास लगा रहे हैं. कोई कह रहा है कि जानबूझ कर ऐसा किया गया तो कोई कह रहा है कि भूल वश कोर नेट के मैप पर इस पुल को दर्शाया गया होगा. इसे केंद्र सरकार ने सही मानते हुए सड़क को पास कर दिया. लेकिन यह भी प्रश्न उठता है कि स्थल का जायजा लेकर ही पथ निर्माण विभाग के पदाधिकारी ने सड़क का प्राक्कलन बनाया होगा. फिर इतनी बड़ी चूक कैसे हो गयी.

* कागजी पुल के आधार पर स्वीकृत कर दी गयी है सड़क

* मामला टेंडर की प्रक्रिया में

* विधायक द्वारा विधानसभा में मामला उठाये जाने के बाद हुआ खुलासा

* मामले की जांच कर दोषी पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. * हर हालत में लोकमानपुर मुख्यधारा से जुड़े.

कुमार शैलेंद्र, बिहपुर विधायक

* मुझे इस मामले की पूरी जानकारी नहीं है. लेकिन ढ़ोढ़िया घाट और लोकमानपुर गांव के बीच कोसी नदी पर किसी प्रकार का पुल नहीं है.

इंद्रजीत कुमार, सीओ, खरीक

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