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केंद्र नहीं दे रहा पैसा, समय बीतने पर कहेगा नहीं बनायीं सड़कें

पटना: ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए यह पीक समय है, लेकिन केंद्र सरकार इस मद में 11 हजार करोड़ रुपये जारी नहीं कर रही है. राज्य सरकार ने केंद्र से प्राप्त राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र भी भेज दिया है. समय बीतने के बाद राशि भेजने के बाद राज्य सरकार पर दोषारोपण भी किया जायेगा […]

पटना: ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए यह पीक समय है, लेकिन केंद्र सरकार इस मद में 11 हजार करोड़ रुपये जारी नहीं कर रही है. राज्य सरकार ने केंद्र से प्राप्त राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र भी भेज दिया है.

समय बीतने के बाद राशि भेजने के बाद राज्य सरकार पर दोषारोपण भी किया जायेगा कि सड़कें समय पर नहीं बन रही हैं. बिहार में 20 हजार ऐसे गांव हैं, जिनको अभी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जोड़ा जाना है. राज्य सरकार ने अपने कोष से 250 से 499 की आबादीवाले टोलों को जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना शुरू की है. इसके तहत वित्तीय वर्ष 2014-15 में 6350 किमी सड़कों के निर्माण की कार्रवाई प्रारंभ कर चुकी है. इसके लिए राज्य के 3760 पथों का चयन किया गया है. इसमें राज्य सरकार अपने कोष से 5245 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है. ये बातें ग्रामीण कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहीं. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों द्वारा हर दिन बयान देकर राज्य की जनता को गुमराह किया जा रहा है. 500 से अधिक आबादीवाले गांव 2001 की जनगणना या अनेक कारणों से छूट गये हैं. ऐसे सभी गांवों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से जोड़ने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है.

अभी तक उनके बारे में केंद्र ने कोई निर्णय नहीं दिया है. मुख्यमंत्री ने इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. अब दूसरा पत्र इस सप्ताह भेजा जायेगा. केंद्र ने बिहार में 20 हजार किमी सड़कों के लिए अभी तक 11 हजार करोड़ की राशि जारी नहीं की. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 में केंद्र ने राज्य को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत चार हजार करोड़ का प्रस्ताव तैयार कर भेजने का निर्देश दिया. जब प्रस्ताव तैयार किया गया, तो कहा कि अभी दो हजार 42 करोड़ का ही प्रस्ताव दीजिए. जब उतने का प्रस्ताव भेजा गया, तो अब 1650 करोड़ की योजना स्वीकृत करने की बात की जा रही है. केंद्र अपनी ही बातों से मुकर रहा है.

उन्होंने बताया कि बिहार सहित अन्य राज्यों को उसकी उचित राशि नहीं दी जा रही है. उधर, गुजरात, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश व पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों को मांग से अधिक राशि दी जा रही है. बिहार में अभी पहले फेज में 3.75 मीटर की सड़कें नहीं बन पायी हैं जबकि उन राज्यों में फेज-दो के तहत अब 7.5 मीटर चौड़ी और सुव्यवस्थित सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से बिहार के 60 फीसदी से अधिक गांव अभी जुड़ नहीं सके हैं.

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