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दुख यह है कि अपनों ने भी नहीं बताया, हम हार रहे हैं : नीतीश

पुनपुन: पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव में भाजपा से सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा कि इस बार भी भाजपा प्रचारतंत्र के साथ कान फूंकने आयेगी. आप चुप मत बैठिएगा. मिल कर जवाब दीजिए. साढ़े आठ साल के शासन के दौरान कार्यकर्ताओं से दूरी पर उन्होंने मरहम भी लगायी. […]

पुनपुन: पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव में भाजपा से सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा कि इस बार भी भाजपा प्रचारतंत्र के साथ कान फूंकने आयेगी. आप चुप मत बैठिएगा. मिल कर जवाब दीजिए. साढ़े आठ साल के शासन के दौरान कार्यकर्ताओं से दूरी पर उन्होंने मरहम भी लगायी. साथ ही यह ताना भी दिया कि लोकसभा चुनाव के दौरान कार्यकर्ताओं ने जमीनी हकीकत बयां नहीं की. कहा कि आपने कोताही बरती थी, इस बार चुप नहीं रहिए. चुनाव हारने का दु:ख नहीं है. लोकतंत्र में हार-जीत लगा रहता है. दु:ख इस बात का है कि किसी अपनों ने जमीन खिसकने का संकेत तक नहीं दिया.

पहले चरण की अंतिम संपर्क यात्र के दौरान शनिवार को पुनपुन के एसडीएम क ॉलेज मैदान में आयोजित जिला राजनीतिक सम्मेलन में नीतीश ने कार्यकर्ताओं से हाथ उठा कर संकल्प दिलवाया किवे अब चुप नहीं बैठेंगे और भाजपा के खिलाफ जुबान चलायेंगे. पटना जिले के सभी प्रखंड और बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से उन्होंने कहा, भाजपा के प्रचार का जवाब आपको ही देना है. पिछली बार थोड़ी कोताही हो गयी थी. इसलिए इस बार आप अभी से मन बना लीजिए.

पूर्व मुख्यमंत्री ने दूसरे चरण में विधानसभावार सम्मेलन करने की घोषणा की. भाषण के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए उनके चुनाव पूर्व और बाद के भाषणों का अंश सुनाया, जिस पर खूब तालियां बजीं.

बिजली पहुंचाये हम, मैदान मार ले गया दूसरा

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली की स्थिति हमने सुधारी. इससे लोग गांवों में भी टेलीविजन देखने लगे. टेलीविजन पर भाजपा का इतना भारी प्रचार आया कि हम उसी में खो गये.कार्यकर्ताओं की हौसला अफजाई करते हुए उन्होंने कहा कि विधानसभा का चुनाव आनेवाला है. इस बार हम पहले आपके पास आये हैं. आपका मन बन जायेगा, तो आगे बात भी बनेगी. भाजपा के प्रति आगाह करते हुए कहा कि पहले कहा जा रहा था कि दिल्ली का चुनाव है. अब कह रहे हैं कमीज दे दिये हैं, इस बार पैंट दे दीजिए. आप सब सचेत, सतर्क और सजग रहिए.

काला धन : कहां गया सौ दिनों क ा वादा

नीतीश कुमार ने अपने एक घंटे के भाषण के दौरान काले धन का मुद्दा भी उठाया. बोले, लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने विदेशों में जमा काले धन की पाई-पाई वापस लाने की बात कही थी. कहा था कि काला धन वापस आयेगा, तो देश के हर नागरिक को 15 से 20 लाख रुपये ऐसे ही मिल जायेंगे. तब भाजपा ने एक और वादा किया था कि सत्ता में आने के एक सौ दिन में काला धन वापस ले आयेंगे. अब सत्ता में आये 180 दिन हो गये हैं, लेकिन काले धन की एक भी पाई नहीं आयी है. अब प्रधानमंत्री ‘मन की बात’ में कह रहे हैं कि न मुङो पता है और सरकार को कि विदेशों में कितना काला धन जमा है.

बोहनी तो क र दीजिए

इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री ने नरेंद्र मोदी के भाषण की वह ऑडियो क्लिप सुनायी, जिसमें उन्होंने काले धन को लेकर दावे किये थे. इसके बाद पार्टी कार्यकर्ताओं से पूछा, अभी जो बोल रहे थे, उनकी आवाज आप पहचानते हैं ना? जवाब मिला – हां. फिर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछना चाहते हैं, आप काले धन का पैसा चेक से दीजिएगा या फिर कैश में. अरे! आपने प्रधानमंत्री जन-धन योजना में जो खाते खुलवाये हैं, उनके सात करोड़ एकाउंट में एक भी पैसे नहीं हैं. पैसा जमा नहीं होने से खाता खोलनेवालों का दुर्घटना बीमा का भी लाभ नहीं मिल पायेगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी कम-से-कम 10-15 हजार रुपये से जन-धन खाते में बोहनी तो कर दीजिए.

पहले किसान की चिंता, अब बाजार की

पूर्व मुख्यमंत्री ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर केंद्र सरकार को घेरा. कहा, लोकसभा चुनाव के पहले प्रधानमंत्री के उम्मीदवार किसानों क ी चिंता कर रहे थे. वोट मिला और सरकार बनी, तो अब बाजार क ी चिंता कर रहे हैं. चुनाव केदौरान लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने की बात कह रहे थे, लेकिन सरकार बनी, तो साढ़े तीन फीसदी ही समर्थन मूल्य बढ़ाया. आखिर वो वादा कहां गया मोदी जी, जो आपने किसानों से किया था? उन्होंने बोनस पर रोक लगाने संबंधी केंद्र सरकार क ी ओर से राज्यों को जारी पत्र भी कार्यकर्ताओं को दिखाये.

अब नौकरी कर दी खत्म

केंद्र पर हमला करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान आप युवाओं को रोजगार देने की बात कहते थे. प्रचार के दौरान भीड़ से कहलवाते थे कि आपको रोजगार चाहिए कि नहीं. इस पर भीड़ की ओर से ‘चाहिए’ का उत्तर दिया जाता था, लेकिन सत्ता में आने के बाद आपने केंद्र सरकार की भरती पर एक साल की रोक लगा दी है. अब उन युवाओं का सपना टूट रहा है, जो आपकी बातों में आकर नौकरी की आस में बाहरसे घर लौटे थे.

न विशेष दर्जा और न दे रहा राज्य का पैसा

नीतीश कुमार ने विशेष राज्य के दर्जा को लेकर नरेंद्र मोदी को कठघरे में खड़ा किया. कहा, हम तो विशेष दर्जा मांग रहे थे, लेकिन मोदी जी ने सत्ता में आने पर बिहार को विशेष दर्जा, विशेष पैकेज व विशेष ध्यान की बात अपनी चुनावी रैलियों में कही थी. उन्होंने कहा था, बिहार को जिस चीज की जरूरत होगी. हम वह सब देंगे, लेकिन अब तक विशेष दर्जा तो दिया नहीं. विशेष ध्यान भी नहीं दे रहे हैं. बिहार की हकमारी कर रहे हैं. इंदिरा आवास का पैसा कम कर दिया गया. मनरेगा का पैसा काट दिया गया. नेशनल हाइवे की मरम्मत में खर्च 970 करोड़ रुपये भी नहीं दिये जा रहे.

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