पटना: मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कैबिनेट विस्तार से अपना पल्ला झाड़ लिया है. उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ मेरा नहीं है, बल्कि कैबिनेट का विस्तार अब महागंठबंधन का मामला है.
मंगलवार को बीपी कोइराला शताब्दी स्मरणोत्सव कार्यक्रम में भाग लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का इस संबंध में जो भी निर्णय होगा, उसके बाद ही इस संबंध में कार्रवाई होगी. उनके इस बयान के बाद कैबिनेट विस्तार को लेकर लग रहे कयास पर फिलहाल विराम लगता दिख रहा है.
दवा घोटाले की सीबीआइ जांच की जरूरत नहीं
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने दवा घोटाले की जांच सीबीआइ से कराने की भाजपा की मांग को खारिज कर दिया है और कहा कि राज्य सरकार की एजेंसी इसकी जांच में सक्षम है. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है. जांच में दोषी पाये जानेवाले बख्शे नहीं जायेंगे. जिनकी भी संलिप्तता होगी, उन पर सख्त कार्रवाई होगी. पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समय में यह घटना नहीं घटी है. यह घटना जिसके कार्यकाल में घटी है और जो भी मंत्री रहे हैं, उनके कार्यकाल की जांच की जायेगी. दवा घोटाले में राज्य स्वास्थ्य समिति से जुड़े पदाधिकारियों की संलिप्तता की भी जांच करायी जायेगी. जो दवा घोटाले के आरोप लगा रहे है, उनके कार्यकाल की जांच हो रही है, इसलिए उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है.