पटना : बिहार विधान परिषद का वेल गुरुवार को अखाड़े में तब्दील हो गया. सत्ता पक्ष और मुख्य विपक्षी दल भाजपा के सदस्यों के बीच जम कर हाथापाई हुई. एक-दूसरे को देख लेने की धमकियां दी गयीं और स्थिति इतनी बिगड़ गयी कि दोनों पक्षों में मारपीट तक की नौबत तक आ गयी.
भोजनावकाश के पहले भाजपा के बैद्यनाथ प्रसाद के तारांकित सवाल के उत्तर के क्रम में मंत्री विजय कुमार चौधरी और प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी के बीच बहस ने तूल पकड़ा और सदन में मारपीट होते-होते बची.
भाजपा के मंगल पांडेय, लाल बाबू लाल, सूरज नंदन मेहता और सत्येंद्र कुमार सिंह ट्रेजरी बेंच पर पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निकट बैठे जदयू के सदस्य संजय सिंह की ओर लपके.
जवाब में जदयू के सतीश कुमार और प्रो रणवीर नंदन भी आगे बढ़े. लेकिन, नीतीश कुमार और जदयू सदस्य विनोद कुमार सिंह, भाजपा के नवल किशोर यादव और निर्दलीय देवेश चंद्र ठाकुर ने भाजपा सदस्यों को आगे बढ़ने से रोका. यह सब तब हुआ, जब सभापति अवधेश नारायण सिंह सदन की कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा कर सदन से बाहर निकल आये थे. घटना के बाद भाजपा के सदस्यों ने गुरुवार को दिन भर सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया.
दूसरी ओर भोजनावकाश के बाद ढाई बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो सभापति अवधेश नारायण सिंह भावुक हो गये. उन्होंने इस घटना के लिए पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर शह देने के प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार के आरोप को खारिज कर दिया.
नीतीश कुमार ने इस घटना को शर्मनाक करार दिया. वहीं, जदयू की ओर से भाजपा के मंगल पांडेय, लाल बाबू लाल, सत्येंद्र नारायण सिंह और सूरज नंदन मेहता को सत्र के बाकी दिनों के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव दिया.
क्या था मामला
हंगामा तब हुआ, जब प्रश्नकाल के दौरान भाजपा सदस्य बैद्यनाथ प्रसाद के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री बीमा भारती की जगह प्रभारी मंत्री विजय कुमार चौधरी जवाब देने के लिए खड़े हुए.
नेता प्रतिपक्ष सुशील कुमार मोदी ने आपत्ति जतायी और कहा कि क्या यही ब्रांड बिहार है कि एक मंत्री जो अपना शपथपत्र भी नहीं पढ़ सकीं, उनकी जगह सदन में अन्य मंत्री को जवाब देना पड़ रहा है. इस पर सत्ता पक्ष का कहना था कि यह सदन की परंपरा है और मंत्रिमंडल सामूहिक जिम्मेवारी के तहत संचालित होता है.
भाजपा सदस्य बैद्यनाथ प्रसाद का प्रश्न था कि पिछड़े व अति पिछड़े वर्ग के मैट्रिक पास छात्र-छात्राओं को देय वार्षिक छात्रवृति की रकम एक लाख से कम करके 75 हजार, फिर 15 हजार और अब वर्ष 2014-15 में सरकारी कॉलेजों के निर्धारित फीस तक सीमित कर दी गयी है. इस पर प्रभारी मंत्री विजय कुमार चौधरी का कहना था कि केंद्र ने अपने केंद्रांश में कटौती कर दी है.
फिर भी राज्य सरकार ने इस योजना में पिछड़े वर्ग व अति पिछड़े वर्ग के अधिक-से-अधिक छात्र-छात्राओं को शामिल करने का प्रयास किया है. इस पर मोदी ने कहा कि यह सरकार पिछड़े व अति पिछड़े लोगों के साथ धोखा कर रही है. यह सरकार पिछड़ा व अति पिछड़ा वर्ग विरोधी है.
अभी सदन में प्रभारी मंत्री विजय कुमार चौधरी और नेता प्रतिपक्ष सुशील कुमार मोदी के बीच बहस चल ही रही थी कि जदयू सदस्य संजय सिंह ने नेता प्रतिपक्ष की ओर इशारा करते हुए आसन से कहा कि महोदय, नेता प्रतिपक्ष को हर प्रश्न के बीच में सवाल खड़ा करने की बीमारी हो गयी है.
मोदी और चौधरी के बीच जब बहस हो रही थी, तब मोदी ने प्रभारी मंत्री का नाम लेते हुए संबोधित किया था, इस पर संजय सिंह ने आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि यह संसदीय परंपराओं के विपरीत है. तब मोदी ने कहा कि मैंने किसी असंसदीय शब्द का प्रयोग नहीं किया है, तब यह संसदीय परंपरा के प्रतिकूल कैसे हैं. यह कहते हुए मोदी संजय सिंह के बयान पर आसन का ध्यान आकृष्ट करते हुए सदन के वेल में चले आये और उनके साथ ही भाजपा के सभी सदस्य भी वेल में आ गये.
फिर क्या था सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच वेल से ही एक-दूसरे के खिलाफ शब्दों का हमला शुरू हो गया. इसी बीच, भाजपा सदस्य संजय सिंह की ओर बढ़े, तो उनका विरोध करते हुए जदयू के रणवीर नंदन और सतीश कुमार वेल की तरफ भाजपा सदस्यों की ओर बढ़े. दोनों पक्षों की तनातनी देख जदयू के अन्य सदस्य संजय कुमार सिंह, नीरज कुमार और खुद पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदस्यों को रुकने को कहा. स्थिति यहां तक बिगड़ गयी कि आसन द्वारा कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा के बाद भी दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को देख लेने तक की धमकी दी.
– मामला पिछड़ा व अतिपिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति में कटौती का था
– पिछड़ा व अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री की अनुपस्थिति पर शुरू हुआ विवाद
– एक-दूसरे को देख लेने की धमकी देते रहे सदस्य
– भाजपा के चार सदस्यों को निलंबित करने का जदयू ने दिया प्रस्ताव
मोदी ने नीतीश पर मढ़ा आरोप
बाद में संवाददाताओं से बात करते हुए मोदी ने पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर संकेत किया और झडप के लिए सिंह को उकसाने का आरोप लगाया. पांडे और भाजपा के अन्य सदस्यों के साथ मोदी ने विरोध में पार्टी के सदन की कार्यवाही का बहिष्कार की घोषणा कर दी.
नीतीश कुमार ने नाराजगी जतायी
सदन में संजय सिंह के बगल में बैठने वाले और विधानपरिषद के सदस्य नीतीश कुमार ने उकसाने के आरोपों पर आक्रोश जताया. मीडिया के एक धड़े से उन्होंने कहा कि भोजन सत्र के बाद वह सभापति के सामने मामला उठायेंगे.
विजय चौधरी और पी के शाही सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कुमार का बचाव करते हुए कहा कि आरोप भाजपा सदस्यों के ‘दूषित’ मानसिकता को दिखाता है. इस बीच नीतीश कुमार सदन में चुपचाप बैठे रहे.
संयोग है कि मारपीट नहीं हुई. यह घटना सत्ता पक्ष या विपक्ष से जुड़ी बात नहीं है, बल्कि सदन और राज्य की गरिमा का भी सवाल है. जीतन राम मांझी, मुख्यमंत्री