मुजफ्फरपुर : बच्चों के लिए काल साबित हो रहा एइएस अब उत्तर बिहार के कुछ और जिलों में फैलने लगा है. अब तक इसका प्रकोप सिर्फ मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी व शिवहर जिले तक था. लेकिन, इस बार वैशाली और समस्तीपुर जिले भी इसकी चपेट में आ गये हैं. समस्तीपुर में एइएस से रविवार को दो बच्चे की मौत हो गयी. पिछले 15 दिनों में एइएस से मुजफ्फरपुर में 89 बच्चों की मौत हो चुकी हैं.
इधर, मुजफ्फरपुर में रविवार को इलाजरत नौ बच्चों ने दम तोड़ दिया. 64 बच्चे अस्पतालों में भरती हैं. भरती होनेवाले बच्चों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है. बीमारी की शुरुआत मई के मध्य में हुई थी. दो जून तक चार बच्चे इससे पीड़ित हुए थे. लेकिन, तीन जून के बाद बीमार होनेवाले बच्चों की संख्या 8-10 तक पहुंच गयी. पिछले दो दिनों से बीमारी और तेज हो गयी है.
रोज 22 से 24 बच्चे अस्पतालों में भरती हो रहे हैं. पीड़ितों की बढ़ती संख्या देखते हुए एसकेएमसीएच में एक और आइसीयू शुरू किया गया. इस तरह वहां चार आइसीयू में बच्चों का इलाज हो रहा है. अस्पतालों में भरती कई बच्चों की स्थिति गंभीर बनी हुई है.केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) बीमारी से बच्चों की मौत पर चिंता जताते हुए कहा कि वैशाली के सांसद रामा किशोर सिंह के नेतृत्व में कल लोजपा का एक शिष्टमंडल हालात का जायजा लेने मुजफ्फरपुर गया था और इस शिष्टमंडल ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.
उन्होंने कहा कि बिहार में एईएस बीमारी से मौत को लेकर पिछले सप्ताह स्वास्थ्य मंत्री से बात की थी और वे कल सुबह स्वयं हालात का जायजा लेने मुजफ्फरपुर जाएंगे. फुलवारीशरीफ की अपनी यात्रा के दौरान रामविलास ने इमारत-ए-शरिया के मुख्यालय जाकर उक्त मुस्लिम संगठन के महासचिव अनिसुर्रहमान कासमी से मुलाकात की.