पटना : केंद्रीय खाद्य एवं जनवितरण मंत्री रामविलास पासवान ने बिहार पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम का सही तरीके से पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि उपभोक्ताओं की कठिनाईयों के निवारण के लिए उनका विभाग शिकायत निवारण सेल का गठन करेगा. नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री बनने के बाद पहली बार पटना आए रामविलास ने बिहार में खाद्य सुरक्षा अधिनियम का सही तरीके से पालन नहीं किए आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में प्रति माह 4 लाख 69 हजार टन की उपलब्धता है और उसमें से राज्य सरकार पूरे अनाज का उठाव नहीं कर पा रही है.
उन्होंने बताया कि पिछले तीन महीनों मार्च, अप्रैल और मई महीने में 14 लाख टन अनाज की उपलब्धता थी जिसमें से राज्य सरकार मात्र 7 लाख टन का ही उठाव कर सकी है. रामविलास ने कहा कि बिहार सरकार की इस मामले में संवेदनशीलता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि अनाज उठाव के निर्धारित समय के बाद भी विस्तारित अवधि में भी अनाज का उठाव नहीं किया गया.बिहार सरकार पर राज्य में भारतीय खाद्य निगम :एफसीआई: का कोई उपयोग नहीं करने का आरोप लगाते हुए रामविलास ने कहा कि पिछले साल तक एफसीआई द्वारा अनाज का उठाव किया जाता था पर इस वर्ष से राज्य सरकार ने अनाज उठाव की जिम्मेवारी ले ली है और इसतरह अनाज उठाव से एफसीआई को अलग कर दिया गया. उन्होंने कहा कि अनाज भंडारण के लिए वर्तमान में हमारे पास चार प्रकार के गोदाम हैं जिसमें 13 एफसीआई के गोदाम और उसके द्वारा किराए पर लिए गए दस गोदाम भी शामिल हैं. रामविलास पासवान ने कहा कि एफसीआई के गोदाम के अनाज भंडारण की क्षमता दो लाख 96 हजार मिट्रिक टन है तथा उसके द्वारा किराए पर लिए गए अनाज भंडारण की क्षमता 45 हजार 620 मिट्रिक टन है.
उन्होंने केंद्रीय भंडार निगम के 13 गोदामों की कुल अनाज भंडारण की क्षमता 87 हजार 473 मिट्रिक टन की है. रामविलास ने बताया कि राज्य भंडार निगम के नौ गोदाम हैं जिनकी अनाज भंडारण की क्षमता 59 459 मिट्रिक टन है. उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त निजी गोदामों जिसका किराया भुगतान एफसीआई द्वारा सुनिश्चित किया जाता है की अनाज भंडारण क्षमता 45 हजार मिट्रिक टन है जिसमें से चार दो पूर्वी चंपारण और समस्तीपुर और सारण में एक-एक का निर्माण हो चुका है.
रामविलास ने कहा कि पंजाब और हरियाणा से चावल और गेंहू का भंडारण किया जाता है और छत्तीसगढ और उडीसा से चावल का भंडारण किया जाता है. उन्होंने बताया कि 75 प्रतिशत चावल का भंडारण अन्य प्रदेशों से किया जाता है और 25 प्रतिशत बिहार से होता है और इसके खरीद के लिए एफसीआई बिहार राज्य खाद्य निगम को राशि उपलब्ध कराती है.रामविलास ने कहा कि बिहार राज्य खाद्य निगम द्वारा खरीदे गए अनाज की निगरानी की कोई व्यवस्था नहीं है और यह पूरी तरह से राज्य सरकार के जिम्मे है जिसके कारण सबसे बडी समस्या अनाज के उठाव में होती है. उन्होंने कहा कि बिहार में अन्य प्रदेशों से वर्ष 2013-14 में 32 लाख टन अनाज आया है और प्रदेश में केवल आठ लाख टन अनाज का क्रय किया गया. कुल 40 लाख टन इन अनाज में से 60 प्रतिशत चावल और 40 प्रतिशत गेंहू है.