पटना: 20 अप्रैल को हुए नर्स हत्याकांड का मुख्य आरोपित देवर नीरज सिंह को आखिर पुलिस ने गोवा से गिरफ्तार कर लिया. नीरज के फोन करने पर राधिका नर्सिग होम में काम करनेवाली नर्स नीतू बाहर निकली थी. उसी समय पत्रकार नगर थाने के मुन्ना चक इलाके में देवर ने अस्तुरे से उसकी गला रेत कर हत्या कर दी, फिर वह फरार हो गया था. आरोपित नीरज नीरज सिंह (रानीपुर, हिरणपुर, पाकुड़, झारखंड) की गिरफ्तारी गोवा के विचौली थाना क्षेत्र से हुई है. उसके पास से हत्या में प्रयुक्त अस्तुरा को भी बरामद कर लिया गया है.
17 अप्रैल को आया था पटना : घटना को अंजाम देने के बाद वह पहले साहेबगंज, फिर पाकुड़, उसके बाद गोवा चला गया. नीरज गोवा में एक नूडल्स कंपनी में काम करता था और वह हत्या के उद्देश्य से ही 17 अप्रैल को पटना पहुंचा था. 20 अप्रैल की रात्रि में उसने नीतू, जो रिश्ते में भाभी थी को फोन कर नर्सिग होम से बाहर बुलाया और बगल की ही एक गली में बात करते हुए ले गया. इसके बाद अंधेरे का फायदा उठाते हुए नीरज ने मुंह दबा कर नर्स का गला अस्तुरे से रेत डाला. घटनास्थल पर ही मौत हो गयी थी.
नीरज ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया कि वह नीतू से बहुत प्यार करता था. प्यार की अनदेखी के कारण उसने नीतू को मार डाला. इस संबंध में एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि इसकी जानकारी मिल गयी थी कि नर्स के देवर ने ही हत्या की है. इसके बाद पुलिस टीम लगातार उसके पीछे लगी रही और अंत में सफलता मिली. उन्होंने बताया कि नीरज ने घटना में अपनी संलिप्तता को स्वीकार कर ली है.
फोन भी नहीं उठाया
नीरज अपने बड़े भाई मनोज सिंह की पत्नी नीतू से प्यार करता था. उन दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी बने थे. नीरज गोवा चला गया और नीतू राधिका नर्सिग होम ज्वाइन कर ली. नीरज बराबर उसे फोन करता था और वापस घर लौटने की जिद करता था. इससे नीतू उसके फोन व प्यार की अनदेखी करने लगी थी. इससे वह गुस्से में था.
पुलिस लगातार उसके पीछे लगी रही
मालूम हो कि नीतू के रूम से मिली डायरी से नीरज के साथ संबंध का खुलासा हुआ था. इसके बाद पुलिस ने रात एक बजे नीरज को फोन किया, तो मोबाइल का स्विच ऑफ मिला. सुबह में उसने जब मोबाइल ऑन किया, तो उसका लोकेशन पुलिस को साहेबगंज का मिला. पुलिस साहेबगंज गयी, लेकिन वहां से नीरज पाकुड़ निकल चुका था. जब पुलिस की टीम पाकुड़ पहुंची , तो वहां से भी आरोपित निकल चुका था. पुलिस टीम लगातार उसके पीछे लगी थी. इसी बीच 30 अप्रैल को उसका लोकेशन गोवा का मिला, तो तुरंत ही पुलिस की टीम गोवा पहुंच गयी. उसे दो मई को गोवा में पकड़ लिया गया.