पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि बनारस की जनता समझदार है. वह उचित फैसला करेगी. चुनाव प्रचार से लौटने के बाद पटना हवाई अड्डे पर कहा कि बनारस लोकसभा सीट के चुनाव को वह ज्यादा अहमियत नहीं देते हैं. बनारस से साझा उम्मीदवार के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वहां कई दल हैं. कई नेता हैं. परिस्थितियां अलग-अलग हैं. ऐसे में गंठबंधन का उम्मीदवार होगा या नहीं यह नहीं कहा जा सकता, लेकिन इस सीट को लेकर ज्यादा महत्व क्यों दी जाये? उन्होंने कहा कि लोग तो चाहते भी हैं कि इस सीट के चुनाव को तरजीह मिले.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में जनमत कहीं और है. कुछ लोग बनावटी वातावरण बनाने की कोशिश कर रहे हैं. चुनाव परिणाम जब आयेगा, तो सब पता चल जायेगा. परिणाम के जरिये बिहार के स्वाभिमानी लोग अपने हक को हासिल करने का संकल्प लेंगे. मुख्यमंत्री ने भाजपा की कार्यशैली पर भी जम कर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पार्टी (भाजपा) में सीनियर और बुजुर्ग नेताओं को किनारे किया जा रहा है. पार्टी धर्म की बात करती है. वे भगवान को बेचते हैं,लेकिन अपने बुजुर्गो को ही पार्टी से निकाल बाहर कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा जबसे नये अवतार में आयी है,वह अपनी पार्टी को ही ठीक नहीं रख सकती है. देश को भी ठीक से नहीं रख सकती है. भाजपा को जिसने आगे बढ़ाया. सभी दरकिनार कर दिये गये. अब भाजपा में एक व्यक्ति की पूजा हो रही है. उस पार्टी में अध्यक्ष की क्या हालत है. यह इससे पता चलता है कि उन्होंने ट्विट किया कि भाजपा की सरकार बनने जा रही है, लेकिन आधे घंटे के अंदर उन्हें अपने कथन से पीछे हटते हुए भाजपा की जगह एक शख्स का नाम डाल दिया.
जाने से पहले अनाप-शनाप बोलते हैं लोग
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू से निष्कासित सांसद साबिर अली पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हमलोगों को तो पहले पता चल गया था कि वे क्या करने वाले हैं? इसलिए हमने अपना काम कर दिया. वे ज्यादा इंबर्समेंट करने वाले थे. इससे पहले उन्हें हटाया गया. चुनाव लड़ रहे हैं कहते-कहते वह पार्टी को बीच मझधार में छोड़ कर चले गये. सीएम ने कहा कि जब किसी को पार्टी छोड़नी होती है. दूसरे दल में जाना होता है, तो वह अनाप-शनाप बोलता है. उनकी बातों का कोई मतलब नहीं है. जहां तक शिवहर से जदयू प्रत्याशी देने का सवाल है पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और अन्य नेता इस पर एक्सरसाइज कर रहे हैं. क्योंकि शुरू से तो उनका (साबिर अली) का चुनाव लड़ना तय था और पार्टी ने कोई एक्सरसाइज भी नहीं किया था.
बुला कर दिया था सिंबल : साबिर अली
जदयू के निष्कासित सांसद साबिर अली ने कहा है कि उन्हें पार्टी का सिंबल बुला कर दिया गया था. कई बार पार्टी ऑफिस से उन्हें फोन आया कि सिंबल ले जायें. मुझ पर आरोप लगाये गये कि मैं अपने क्षेत्र में नहीं, दिल्ली में हूं, लेकिन जदयू के हाजीपुर सांसद समेत चार सांसद अभी भी दिल्ली में हैं. वह अपने क्षेत्र जा भी नहीं रहे हैं. यह दाल में काला नहीं ,पूरी दाल ही काली हो गयी है. साबिर अली ने कहा कि वह नीतीश कुमार का सम्मान करते हैं, लेकिन आश्चर्य है कि वह अपनी बात से मुकर जायेंगे. उन्होंने सिर्फ मुङो नहीं कई बड़े लोगों के सामने कहा था कि आपको दोबारा राज्यसभा भेजेंगे, लेकिन मैं साबिर अली था. इसलिए दोबारा राज्यसभा नहीं भेजा गया.
पूंजीपतियों में सवार हुआ सत्ता का नशा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पूंजीवादी लोग एकाधिकार स्थापित करना चाह रहे हैं. पूंजीपतियों और कॉरपोरेट घरानों को सत्ता का नशा सवार हो गया है. सारी संपत्ति कुछ हाथों में आ जाये. इसके लिए बीच में जो अवरोध आ रहे हैं. उन्हें कुचलने के लिए धन झोंक रहे हैं. दुनिया में फासिज्म खत्म हो चुकी है,लेकिन देश में फासिज्म को लाने की कोशिश की जा रही है. सीएम ने कहा कि कुछ जनता को नासमझ समझने की कोशिश कर रहे हैं. वह यह समझ ही नहीं पा रहे हैं कि बिहार के बच्चे स्कूल जा रहे हैं और गुजरात के 14 साल के कम उम्र के बच्चे बाल मजदूरी कर रहे हैं.