नयी दिल्ली : ओलंपिक रजत पदक विजेता राज्यवर्द्धन सिंह राठौड ने पुरानी यादें ताजा करते हुए कहा कि जब उन्होंने पहली बार खेलों के महाकुंभ में पदक जीतने का ख्वाब देखा था तब लोगों ने उन्हें पागल कहा था.
ट्रैप शूटर राठौड ने 2004 के एथेंस ओलंपिक खेलों में ऐतिहासिक रजत पदक जीता था. उनसे पहले भारत को ओलंपिक की किसी भी व्यक्तिगत स्पर्द्धा में रजत पदक नहीं मिला था. इसके बाद 2008 के बीजिंग ओलंपिक में एक और निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने इसे बेहतर करते स्वर्ण पदक जीता था.
उन्होंने कहा, जब मैंने ओलंपिक में जीतने की तैयारी करनी शुरु की थी तब लोगों ने मुझे पागल कहा था. अर्जुन पुरस्कार विजेता खिलाड़ी और वर्तमान में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री ने खिलाडियों की वर्तमान पीढी को अपने अपने खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रेरित करते हुए कहा, लेकिन मैंने कड़ी मेहनत की और देश के लिए गौरव अर्जित करने के लिए प्रतिबद्ध था. पुरस्कार समारोह में राठौड के अलावा, दिग्गज अमेरिकी एथलीट कार्ल लुईस , पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली समेत भारतीय खेल जगत की कई बड़ी हस्तियां मौजूद थीं.