मुंबई : एशियाई खेलों की 1500 और 5000 मीटर स्पर्धाओं की पदक विजेता भारतीय धाविका ओपी जैशा ने मैराथन में यादगार पदार्पण करते हुए आज यहां वाली सत्यभामा का 19 साल पुराना रिकार्ड तोडते हुए इस साल बीजिंग में होने वाली विश्व चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाई किया.
जैशा ने 12वीं स्टैंडर्ड चार्टर्ड मुंबई मैराथन में दो घंटे 37 मिनट और 29 सेकेंड का समय लिया. उन्होंने चेन्नई में दिसंबर 1995 में बने वाली सत्यभामा के दो घंटे 38 मिनट और 10 सेकेंड के रिकार्ड को तोडा. जैशा ने प्रतियोगिता में भारतीय धाविकाओं के बीच सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और इस दौरान दो घंटे 44 मिनट के क्वालीफाइंग समय को भी आसानी से हासिल कर लिया जिसे भारतीय एथलेटिक्स महासंघ ने अगस्त में बीजिंग में होने वाली विश्व चैम्पियनशिप के लिए तय किया था.
आठवें स्थान पर रही जैशा के अलावा पिछले साल इंचियोन एशियाई खेलों में 3000 मीटर स्टीपलचेज में कांस्य पदक जीतने वाली ललिता (दो घंटे 38 मिनट और 21 सेकेंड) और सुधा सिंह (दो घंटे 42 मिनट और 12 सेकेंड) भी बीजिंग विश्व चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाई करने में सफल रहीं. ललिता ने कुल नौवां जबकि सुधा ने 11वां स्थान हासिल किया.
ललिता ने पिछले साल यहां भारतीय महिलाओं के बीच शीर्ष पर रहने के दौरान के अपने प्रदर्शन में सुधार करते हुए इस बार 12 सेकेंड कम समय लिया. बीजिंग में 5000 मीटर और मैराथन के लिए क्वालीफाई कर चुकी जैशा से जब यह पूछा गया कि वह अब किस स्पर्धा पर ध्यान देंगी तो उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता. कोच (डा. निकोलेई स्नेसारेव) फैसला करेंगे.
स्नेसारेव ने कहा कि जैशा बीजिंग में 5000 मीटर और 10000 मीटर स्पर्धाओं में हिस्सा लेंगी जबकि ललिता 5000 मीटर और 3000 मीटर स्टेलपचेज में शिरकत करेंगी. पुरुष वर्ग में कोई भी भारतीय धावक एएफआई द्वारा तय दो घंटे 18 मिनट के क्वालीफाइंग समय को हासिल नहीं कर पाया. पिछले साल शीर्ष पर रहे करण सिंह इस बार भी दो घंटे 21 मिनट और 35 सेकेंड के साथ घरेलू पुरुष धावकों में शीर्ष पर रहे. उन्होंने कुल 11वां स्थान हासिल किया.
सेना खेल संस्थान के करण के टीम के साथी अर्जुन प्रधान दो घंटे 22 मिनट और 22 सेकेंड के साथ 12वें स्थान पर रहे जबकि बहादुर सिंह धौनी (दो घंटे 22 मिनट और 41 सेकेंड) भारतीय पुरुषों में तीसरे और कुल 13वें स्थान पर रहे.