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फिक्सिंग मामले में धौनी से जुडी खबरों के प्रसारण पर हाईकोर्ट ने लगायी रोक

चेन्नई: दिल्ली: देश की प्रमुख मीडिया कंपनी जी मीडिया कारपोरेशन लि. ने भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी द्वारा मद्रास उच्च न्यायालय में दायर मानहानि के मुकदमे में लगाये गये आरोपों का जोरदार खंडन किया है. धौनी ने आरोप लगाया है कि जी न्यूज ने उनके बारे में ‘दुर्भावनापूर्ण’ खबरें चलायी. मद्रास उच्च न्यायालय ने आज […]

चेन्नई: दिल्ली: देश की प्रमुख मीडिया कंपनी जी मीडिया कारपोरेशन लि. ने भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी द्वारा मद्रास उच्च न्यायालय में दायर मानहानि के मुकदमे में लगाये गये आरोपों का जोरदार खंडन किया है. धौनी ने आरोप लगाया है कि जी न्यूज ने उनके बारे में ‘दुर्भावनापूर्ण’ खबरें चलायी.

मद्रास उच्च न्यायालय ने आज जी न्यूज और न्यूज नेशन चैनल को इंडियन प्रीमियर लीग के सट्टेबाजी और फिक्सिंग मामले में धौनी से जुडी किसी तरह का समाचार चलाने से रोक दिया.न्यायमूर्ति एस तमिलवनान ने जी मीडिया कारपोरेशन के खिलाफ धौनी द्वारा दायर 100 करोड रुपये मानहानि के मुकदमे पर अंतरिम आदेश पारित किया. यह अंतरिम आदेश दो हफ्ते तक प्रभावी रहेगा. धौनी ने जी मीडिया कारपोरेशन पर कथित रुप से ‘दुर्भावनापूर्ण’ खबरों जैसे कि वह आईपीएल मैचों में सट्टेबाजी, स्पाट और मैच फिक्सिंग में शामिल हैं, के प्रसारण के लिये 100 करोड रुपये के हर्जाने की मांग की.

समाचार चैनल हालांकि अपनी इस बात पर कायम है कि उसने धौनी की छवि खराब करने के लिये प्रसारण या किसी तरह की फुटेज या बातचीत नहीं दिखायी.चैनल ने साफ किया कि उसने 24 और 28 फरवरी को प्रसारित स्टिंग आपरेशन के दौरान वह खबर प्रसारित की जो विंदू दारा सिंह और आईपीएस अधिकारी संपत कुमार के खुलासे पर आधारित थी.

चैनल ने बयान में कहा, ‘‘जी मीडिया कारपारेशन ने एक जिम्मेदार समाचार चैनल के तौर पर उपर कहे गये स्टिंग और साथ ही न्यायमूर्ति मुदगल द्वारा उच्चतम न्यायालय में दायर रिपोर्ट के आधार पर स्टोरी तैयार की. समाचार चैनल ने तथ्यों के आधार पर स्टिंग आपरेशन किया. ’’ बयान में कहा गया है, ‘‘जी मीडिया कारपोरेशन लि. ने बिहार क्रिकेट संघ के लंबित मामले में पहले ही उच्चतम न्यायालय में अपने पास मौजूद साक्ष्यों के साथ हस्तक्षेप की अर्जी दाखिल कर रखी है.’’

मद्रास उच्च न्यायालय ने आज ‘जी न्यूज’ और ‘न्यूज नेशन’ चैनलों पर भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) सट्टेबाजी-फिक्सिंग प्रकरण में कथिल संलिप्तता से संबंधित किसी भी खबर के प्रसारण पर रोक लगा दी.

न्यायमूर्ति एस तमिलवनान ने जी मीडिया कारपोरेशन के खिलाफ धौनी द्वारा दायर 100 करोड रुपये मानहानि के मुकदमे पर अंतरिम आदेश पारित किया. यह अंतरिम आदेश दो हफ्ते तक प्रभावी रहेगा. धौनी ने जी मीडिया कारपोरेशन पर कथित रुप से ‘दुर्भावनापूर्ण’ खबरों जैसे कि वह आईपीएल मैचों में सट्टेबाजी, स्पाट और मैच फिक्सिंग में शामिल हैं, के प्रसारण के लिये 100 करोड रुपये के हर्जाने की मांग की.

न्यायाधीश ने धौनी के हलफनामे के अवलोकन के बाद अपने आदेश में कहा, ‘‘मेरा विचार है कि यह एक प्रथम दृष्टया मामला है और यह शिकायतकर्ता के पक्ष में है. इसलिये दो हफ्ते के लिये अंतरिम आदेश दिया जा रहा है. ’’ अदालत ने जी मीडिया कारपोरेशन लिमिटेड, जी न्यूज के संपादक और बिजनेस प्रमुख सुधीर चौधरी, शुरु में आईपीएल सट्टेबाजी प्रकरण की जांच करने वाले आईपीएस अधिकारी जी सम्पत कुमार और न्यूज नेशन नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी किये. धौनी ने याचिका में कहा कि ये चैनल 11 फरवरी 2014 से दुर्भावनापूर्ण, अपमानजनक और झूठी रिपोर्ट और बयान दिखा रहे हैं

याचिका में कहा गया है कि जी मीडिया कारपोरेशन लिमिटेड (जी न्यूज) तथा सम्पादक और बिजनेस प्रमुख सुधीर चौधरी आईपीएस सम्पत कुमार के साथ मिलकर अपने चैनल और अपनी वेबसाइट पर धौनी के कथित रुप से सट्टेबाजी, मैच फिक्सिंग और स्पाट फिक्सिंग की गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल होने की खबर प्रसारित और पोस्ट कर रहे हैं.

हलफनामे के अनुसार न्यूज नेशन नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड (न्यूज नेशनल चैनल) भी धौनी के खिलाफ मुहिम भी शामिल हो गया और उसने यहां तक कह दिया कि धौनी को तमिलनाडु पुलिस ने समन भेजा है और इस हलफनामे के अनुसार यह पूरी तरह से झूठी बात थी.

इसमें कहा गया कि ये सभी काम इस इरादे से किये गये कि लोग धौनी से नफरत करें और आम जनता उनकी हंसी उडाये.हलफनामे में दावा किया गया है कि आम जनता विशेषकर चेन्नई में चेन्नई सुपरकिंग्स के आईपीएल प्रशंसकों पर इस दुर्भावनापूर्ण झूठी रिपोर्ट से नकारात्मक असर पड रहा है.इनका एकमात्र एजेंडा पूरी दुनिया के करोडों क्रिकेट प्रशंसकों की निगाह में धौनी की प्रतिष्ठा को किसी तरह बदनाम करना और नुकसान पहुंचाना है. हलफनामे में कहा गया है कि इन सभी को मिलकर 100 करोड रुपये का हर्जाना देना होगा.

* जी ने आरोपों को गलत बताया

जी मीडिया कारपोरेशन लि ने धौनी द्वारा लगाये गये आरोपों का खंडन किया है. समाचार चैनल अपनी इस बात पर कायम है कि उसने धौनी की छवि खराब करने के लिए प्रसारण या किसी तरह की फुटेज या बातचीत नहीं दिखायी.

* थमाया नोटिस

न्यायाधीश ने धौनी के हलफनामे के अवलोकन के बाद अपने आदेश में कहा कि मेरा विचार है कि यह एक प्रथम दृष्टया मामला है. यह शिकायतकर्ता के पक्ष में है. इसलिए दो हफ्ते के लिए अंतरिम आदेश दिया जा रहा है. अदालत ने जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड, जी न्यूज के संपादक और बिजनेस प्रमुख सुधीर चौधरी, शुरू में आइपीएल सट्टेबाजी प्रकरण की जांच करने वाले आइपीएस अधिकारी जी संपत कुमार और न्यूज नेशन नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी किये.

* याचिका में क्या

धौनी ने याचिका में कहा कि ये चैनल 11 फरवरी 2014 से दुर्भावनापूर्ण, अपमानजनक और झूठी रिपोर्ट और बयान दिखा रहे हैं. आरोप लगाया कि जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड (जी न्यूज) और संपादक और बिजनेस प्रमुख सुधीर चौधरी, आइपीएस संपत कुमार के साथ मिलकर अपने चैनल और अपनी वेबसाइट पर धौनी के कथित रूप से सट्टेबाजी, मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग की गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल होने की खबर प्रसारित और पोस्ट कर रहे हैं. हलफनामे के अनुसार न्यूज नेशन नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड (न्यूज नेशनल चैनल) भी धौनी के खिलाफ मुहिम भी शामिल हो गया. उसने यहां तक कह दिया कि धौनी को तमिलनाडु पुलिस ने समन भेजा है. इस हलफनामे के अनुसार यह पूरी तरह से झूठी बात थी.

* किया दावा

हलफनामे में दावा किया गया है कि आम जनता विशेषकर चेन्नई में चेन्नई सुपरकिंग्स के आइपीएल प्रशंसकों पर इस दुर्भावनापूर्ण झूठी रिपोर्ट से नकारात्मक असर पड़ रहा है. इनका एकमात्र एजेंडा पूरी दुनिया के करोड़ों क्रिकेट प्रशंसकों की निगाह में धौनी की प्रतिष्ठा को किसी तरह बदनाम करना और नुकसान पहुंचाना है. हलफनामे में कहा गया है कि इन सभी को मिलकर 100 करोड़ रुपये का हर्जाना देना होगा.

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